नई दिल्ली : परिस्थिति के अनुसार मनोभाव बदलते रहते हैं। कहते हैं कि चाहे खुशी हो, गम हो या गुस्सा, इन तीनों ही भावनाओं के चरम पर होने पर खुद को संयमित रखना चाहिए, क्योंकि इस दौरान लोग अक्सर भावनाओं में बहकर गलत फैसले ले लेते हैं और गुस्से को काबू में रखना बहुत जरूरी […]
नई दिल्ली : परिस्थिति के अनुसार मनोभाव बदलते रहते हैं। कहते हैं कि चाहे खुशी हो, गम हो या गुस्सा, इन तीनों ही भावनाओं के चरम पर होने पर खुद को संयमित रखना चाहिए, क्योंकि इस दौरान लोग अक्सर भावनाओं में बहकर गलत फैसले ले लेते हैं और गुस्से को काबू में रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि गुस्से में व्यक्ति सोचने-समझने की स्थिति में नहीं होता और वह सही-गलत का फैसला नहीं कर पाता, जिसकी वजह से न सिर्फ दूसरों को बल्कि ज्यादातर लोग खुद को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा गुस्सा सेहत पर भी बुरा असर डाल सकता है।
गुस्से पर काबू रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस स्थिति में व्यक्ति को नहीं पता होता कि वह क्या नुकसान पहुंचा सकता है और इसका दिल और दिमाग की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। वहीं गुस्से को दबाना नहीं चाहिए, बल्कि उस दौरान खुद को शांत करने की कोशिश करनी चाहिए और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के उपाय करने चाहिए। तो आइए जानते हैं। गुस्से के दौरान शांत होने के तरीके और खुद को मानसिक रूप से मजबूत कैसे बनाएं ताकि भावनाएं चरम पर होने पर खुद को संयमित रख सकें।
जब आपको बहुत गुस्सा आ रहा हो तो आराम से गहरी सांस लें और छोड़ें। अगर परिस्थिति ऐसी है कि आप उस जगह या व्यक्ति को छोड़कर कुछ समय के लिए वहां से दूर रह सकते हैं तो ऐसा जरूर करें। इससे आप आसानी से खुद को शांत कर पाएंगे। इस दौरान किसी अच्छी बात, सीन को याद करें और सांस लेते और छोड़ते हुए उल्टी गिनती करें।
किसी भी परिस्थिति में संगीत थेरेपी की तरह काम करता है और हीलिंग में मदद करता है। इसलिए जब आपको गुस्सा आए तो वहां से दूर हट जाएं और हल्के कदमों से टहलें। इस दौरान अपनी पसंद का हल्का संगीत सुनें।
गुस्से से निपटने का एक अच्छा तरीका डायरी लिखने की आदत डालना है। दरअसल, कई बार हम गुस्से या किसी और बात की वजह से अंदर से परेशान हो जाते हैं, ऐसे में आप लिखकर अपनी भावनाओं को व्यक्त कर पाते हैं और इससे तनाव कम होता है। डायरी लिखने के और भी कई फायदे हैं, जैसे भाषा पर अच्छी पकड़ होना, चीजों पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर पाना, लक्ष्य को हासिल करने के लिए मानसिक मजबूती मिलना। अपने अनुभवों और इन सभी चीजों को याद रख पाना धीरे-धीरे आपको मजबूत बनाता है, जिसकी वजह से आप देखेंगे कि आपको पहले से काफी कम गुस्सा आ रहा है।
जिन लोगों को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है, उन्हें अपनी दिनचर्या में कुछ देर एकांत जगह पर ध्यान लगाना चाहिए। इसके अलावा रोजाना प्राणायाम करें। इन दोनों चीजों को करने से गुस्सा शांत रहेगा और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
अलग-अलग तरह की किताबें हमारे ज्ञान को बढ़ाती हैं और धीरे-धीरे आप खुद पर संयम रखना भी सीख जाते हैं। गुस्से को शांत रखने का सबसे अच्छा तरीका है किताबों से दोस्ती करना। इससे आप खुद को काफी हद तक बदल सकते हैं।
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