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बस इतने सालों में पुरुष विहीन हो जाएगी पृथ्वी, सिर्फ लड़कियां लेंगी जन्म, वैज्ञानिकों का बड़ा दावा!

Y क्रोमोसोम एक छोटा और महत्वपूर्ण क्रोमोसोम है, जो पुरुषों के लिंग निर्धारण के लिए जिम्मेदार है। इसके बिना पुरुष पैदा नहीं हो सकते।

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बस इतने सालों में पुरुष विहीन हो जाएगी पृथ्वी, सिर्फ लड़कियां लेंगी जन्म, वैज्ञानिकों का बड़ा दावा!
  • August 28, 2024 5:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: Y क्रोमोसोम एक छोटा और महत्वपूर्ण क्रोमोसोम है, जो पुरुषों के लिंग निर्धारण के लिए जिम्मेदार है। इसके बिना पुरुष पैदा नहीं हो सकते। हाल की रिसर्च में दावा किया गया है कि Y क्रोमोसोम धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है और भविष्य में यह पूरी तरह गायब भी हो सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो केवल लड़कियां ही जन्म लेंगी, जब तक कि कोई नया लिंग-निर्धारण जीन विकसित न हो जाए।

Y क्रोमोसोम का धीरे-धीरे हो रहा नुकसान

शोध के अनुसार, Y क्रोमोसोम ने पिछले 166 मिलियन वर्षों में 900 जीनों में से 845 जीन खो दिए हैं और अब केवल 55 जीन बचे हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा तो अगले 11 मिलियन वर्षों में ये जीन भी खत्म हो सकते हैं, जिससे पुरुषों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

कांटेदार चूहे से मिली उम्मीद की किरण

जापान के स्पाइनी चूहों ने इस समस्या का अनोखा हल ढूंढा है। ये चूहे Y क्रोमोसोम को पूरी तरह खो चुके हैं लेकिन उन्होंने एक नया नर-निर्धारण जीन विकसित कर लिया है। इन चूहों में Y क्रोमोसोम के अधिकांश जीन दूसरे क्रोमोसोम पर शिफ्ट हो गए, जिससे उन्हें एक नया लिंग-निर्धारण जीन मिल गया। यह खोज बताती है कि जीव, चाहे इंसान हो या अन्य प्राणी, खुद को बदलती परिस्थितियों के अनुसार ढाल सकते हैं।

क्या इंसान भी कर सकता है ऐसा?

प्रोफेसर जेनी ग्रेव्स का कहना है कि इंसानों में भी एक नया लिंग-निर्धारण जीन विकसित हो सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं है। यह विकास जोखिम भरा है और इसमें समय लग सकता है। नए जीन का विकास संभव है, लेकिन इसमें कई चुनौतियां भी हैं।

प्लैटिपस का उदाहरण

प्लैटिपस में भी XY क्रोमोसोम की जोड़ी एक साधारण क्रोमोसोम है, जिसमें दोनों सदस्य समान हैं। इससे पता चलता है कि स्तनधारियों के X और Y क्रोमोसोम एक सामान्य जोड़ी से विकसित हुए हैं।

क्या होगा भविष्य

वैज्ञानिकों के अनुसार, Y क्रोमोसोम में जीनों की हानि की दर बहुत धीमी है, इसलिए Y क्रोमोसोम के गायब होने की आशंका भविष्य में बहुत दूर है। इसके बावजूद, कांटेदार चूहों की तरह इंसानों में भी एक नए लिंग-निर्धारण जीन के विकास की संभावना बनी रहती है।

यह शोध हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि प्रकृति अपने रास्ते खुद बनाती है और जीवन को आगे बढ़ाने के नए तरीके खोजती रहती है। Y क्रोमोसोम का खतरा जरूर है, लेकिन वैज्ञानिक विकास और रिसर्च के जरिए नई संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं। यह समझना जरूरी है कि प्रकृति में कुछ भी स्थिर नहीं होता और इंसानों का विकास भी इसी का हिस्सा है।

 

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