सर्वाइकल कैंसर भारत में तेजी से बढ़ती समस्या बनता जा रहा है। हर 7 मिनट में एक महिला इस बीमारी का शिकार हो रही है।
नई दिल्ली: सर्वाइकल कैंसर भारत में तेजी से बढ़ती समस्या बनता जा रहा है। हर 7 मिनट में एक महिला इस बीमारी का शिकार हो रही है। यह कैंसर महिलाओं के गर्भाशय के मुंह (सर्विक्स) में होता है और अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो जानलेवा हो सकता है। यहां हम जानेंगे इस बीमारी के कारण, लक्षण और इससे बचाव के आसान उपाय।
सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) है, जो यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा, साफ-सफाई की कमी, धूम्रपान, और कमजोर इम्यून सिस्टम भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं। इन कारणों को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतना आवश्यक है।
– अनियमित पीरियड्स
– पीरियड्स के बीच में खून आना
– यौन संबंध के बाद खून आना
– जननांग क्षेत्र में दर्द
– सफेद पानी का अधिक आना
अगर इनमें से कोई लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से इस बीमारी का उपचार आसान हो सकता है।
1. HPV वैक्सीन: यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाने में प्रभावी है। 9 से 26 साल की उम्र की लड़कियों और महिलाओं को इसे लगवाना चाहिए, जिससे HPV संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
2. नियमित जांच: महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट गर्भाशय में कैंसर के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद करता है और समय पर इलाज संभव बनाता है।
3. स्वच्छता का ध्यान रखें: निजी अंगों की स्वच्छता पर ध्यान दें। साफ-सफाई से संक्रमण का खतरा कम होता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
4. सुरक्षित यौन संबंध: हमेशा सुरक्षित यौन संबंध बनाएँ। एक से अधिक यौन साथी होने से HPV का खतरा बढ़ता है, इसलिए सुरक्षित यौन संबंध रखना जरूरी है।
5. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए धूम्रपान से बचना चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है। महिलाओं को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए ताकि वे समय पर सावधानी बरत सकें। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को भी इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इससे बचा जा सकता है। महिलाओं को नियमित जांच करवानी चाहिए, वैक्सीनेशन करवाना चाहिए, और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। जागरूक रहना और सही कदम उठाना ही इस बीमारी से बचने का सबसे बड़ा तरीका है।
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