नई दिल्ली : दुनिया में कई ऐसे कारोबार हैं जो आपकी आँखों के सामने होते हैं लेकिन आपसे छिपे भी होते हैं. ऐसा ही एक कारोबार है हेयर ट्रांसप्लांट का. जो आपके घर की खेती है लेकिन बाजार में इसका दाम करोड़ों में होता है. मुनाफा अधिक होने की वजह से लोग कई तरीकों से […]
नई दिल्ली : दुनिया में कई ऐसे कारोबार हैं जो आपकी आँखों के सामने होते हैं लेकिन आपसे छिपे भी होते हैं. ऐसा ही एक कारोबार है हेयर ट्रांसप्लांट का. जो आपके घर की खेती है लेकिन बाजार में इसका दाम करोड़ों में होता है. मुनाफा अधिक होने की वजह से लोग कई तरीकों से पैसा कमाने में लग गए हैं. इसने कई समस्याओं को भी जन्म दिया है जिसमें से कई बार तो आपके साथ फ्रॉड भी किया जाता है. आज हम आपको हेयर ट्रांसप्लांट इंडस्ट्री का काला सच बताने जा रहे हैं जिससे शायद आप भी अनजान होंगे.
दरअसल हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) को हेयर ट्रांसप्लांट इंडस्ट्री की स्थिति को देखते हुए गाइडलाइंस जारी करनी पड़ी है. जिसमें उन्होंने कौन ये काम कर सकता है को साफ़ बताया है. मुनाफा अधिक होने की वजह से हर कोई डॉक्टर बनकर इस क्षेत्र में कूदना चाहता है जो कि काफी रिस्की है. ऐसे में बता दें कि नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइंस के अनुसार केवल वो व्यक्ति ही ये काम कर सकता है जो
-रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर और ट्रेंड डॉक्टर ही हेयर ट्रांसप्लांट हो.
– डॉक्टर के असिस्टेंट भी क्वालिफाइड और मेडिकल बैकग्राउंड से हों.
– ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू में ही हेयर ट्रांसप्लांट किया जाना चाहिए.
– ट्रांसप्लांट करवाने वाले को प्रोसीजर और कॉम्प्लिकेशन की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए.
बता दें, ऐसा करने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि हेयर ट्रांसप्लांट करवाने वालों की मांग बढ़ रही है. मुनाफा अधिक होने के कारण कोई भी ट्रांसप्लांट करने के लिए गली नुक्कड़ पर दूकान खोल रहा है. कई जगहें तो ऐसी हैं जहाँ एमबीबीएस डॉक्टर नहीं, बल्कि नौसिखिए काम कर रहे हैं. संवेदनशील सर्जरी होने की वजह से ये कदम उठाना पड़ गया.