प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। डॉक्टर्स इस समय पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाने की सलाह देते हैं।
Lifestyle Tips: प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। डॉक्टर्स इस समय पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाने की सलाह देते हैं। घर के बड़े – बुजुर्ग अक्सर प्रेग्नेंट महिला को केसर खाने, या फिर केसर का दूध पिने की सलाह देते है। वो यही मानते है की इससे बच्चे का रंग गोरा होगा। लेकिन क्या सच में केसर का सेवन बच्चे के रंग को प्रभावित करता है?
भारतीय समाज में यह मान्यता दशकों से चली आ रही है कि प्रेग्नेंसी में केसर खाने से बच्चे का रंग गोरा होता है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बच्चे का रंग, रूप और विशेषताएँ माता-पिता के जीन्स पर निर्भर करते हैं, न कि केसर के सेवन पर। वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि केसर का गर्भ में पल रहे बच्चे के रंग पर कोई प्रभाव नहीं होता।
हालांकि, केसर का सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है:
1. पाचन में सुधार
डॉक्टर्स का मानना है कि केसर का सेवन पाचन तंत्र को सही रखता है। यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली पाचन समस्याओं जैसे कब्ज और सूजन को कम कर सकता है।
2. गर्भाशय के संकुचन में मदद
केसर का गर्भाशय के संकुचन पर पॉजिटिव असर होता है, जो प्रसव के दौरान फायदेमंद हो सकता है। यह प्राकृतिक रूप से गर्भाशय को मजबूत बनाता है और प्रसव को सुगम बनाने में मदद करता है।
भारतीय समाज में कई बातें बिना किसी वैज्ञानिक आधार के मानी जाती हैं। केसर का सेवन और बच्चे के रंग का गोरा होना भी एक ऐसा ही मिथक है। यह महत्वपूर्ण है कि हम स्वास्थ्य संबंधी सलाह को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझें और सही जानकारी के आधार पर निर्णय लें।
प्रेग्नेंसी के दौरान केसर का सेवन बच्चे के रंग को गोरा नहीं करता, लेकिन इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ अवश्य हैं। माता-पिता के जीन्स बच्चे के रंग और रूप को निर्धारित करते हैं। इसलिए, केसर का सेवन पोषक तत्वों के लिए करें, न कि मिथकों के आधार पर। प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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