नई दिल्ली: मंगल की सतह का लाल रंग मुख्य रूप से इसकी मिट्टी में मौजूद आयरन ऑक्साइड के कारण है। आयरन ऑक्साइड को हम जंग के नाम से भी जानते हैं। जब लोहा ऑक्सीजन के संपर्क में आता है तो उसमें जंग लग जाता है, जिससे सतह लाल हो जाती है। मंगल की सतह पर […]
नई दिल्ली: मंगल की सतह का लाल रंग मुख्य रूप से इसकी मिट्टी में मौजूद आयरन ऑक्साइड के कारण है। आयरन ऑक्साइड को हम जंग के नाम से भी जानते हैं। जब लोहा ऑक्सीजन के संपर्क में आता है तो उसमें जंग लग जाता है, जिससे सतह लाल हो जाती है। मंगल की सतह पर व्यापक रूप से फैले आयरन ऑक्साइड ने पूरे ग्रह को लाल रंग का रूप दे दिया है।
अब सवाल यह उठता है कि मंगल ग्रह पर आयरन ऑक्साइड की मौजूदगी क्यों है? तो हम आपको बता दें कि मंगल का वातावरण पृथ्वी के वायुमंडल की तुलना में बहुत पतला है और इसमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है। इस वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम होती है।
इसके अलावा हाल के दिनों में मंगल ग्रह पर बड़े पैमाने पर ज्वालामुखीय गतिविधि हुई थी। इन ज्वालामुखियों से निकलने वाले लावा में लोहा मौजूद था। जब यह लावा हवा के संपर्क में आया तो इसमें मौजूद आयरन ऑक्सीकृत होकर आयरन ऑक्साइड में बदल गया।
इसके अलावा, मंगल ग्रह पर अक्सर बड़ी धूल भरी आंधियां आती रहती हैं। ये तूफान मंगल की सतह पर मौजूद मिट्टी को उड़ाकर पूरे ग्रह पर फैला देते हैं। इस प्रकार आयरन ऑक्साइड मंगल की सतह पर बिखर जाता है। मंगल ग्रह का लाल रंग वैज्ञानिकों के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, मंगल की सतह का रंग उसके भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में बताता है। इसके अलावा मंगल का वातावरण पृथ्वी के वातावरण से बहुत अलग है। मंगल के लाल रंग पर शोध करके वैज्ञानिक मंगल के वातावरण के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
वहीं वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह पर कभी जीवन रहा होगा। मंगल की सतह का रंग इस बारे में अहम सुराग दे सकता है। हाल के वर्षों में मंगल ग्रह पर कई अंतरिक्ष यानल को भेजे गए हैं। इन यानों ने मंगल की सतह और वातावरण के बारे में कई महत्वपूर्ण डेटा जमा किए हैं। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह की सतह पर पानी के साक्ष्य खोजे हैं, जिससे मंगल पर जीवन की संभावना के बारे में जिज्ञासा बढ़ गई है। आपको बता दें कि मंगल ग्रह का लाल रंग एक आकर्षक और रहस्यमयी घटना है। यह हमें मंगल ग्रह के भूवैज्ञानिक इतिहास, वातावरण और जीवन की संभावना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
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