नई दिल्ली: वैसे तो सोने से पहले खुशबूदार कैंडल जलाने के कई फायदे हैं. एक तो इससे आपके कमरे का माहौल पूरी तरह से खुशनुमा हो जाता है और दूसरा ये कि इनकी खुशबू आपके मन को काफी शांति देती है, जिससे आपको नींद जल्दी और गहरी आती है. दरअसल, कैंडल जलाने के बाद से […]
नई दिल्ली: वैसे तो सोने से पहले खुशबूदार कैंडल जलाने के कई फायदे हैं. एक तो इससे आपके कमरे का माहौल पूरी तरह से खुशनुमा हो जाता है और दूसरा ये कि इनकी खुशबू आपके मन को काफी शांति देती है, जिससे आपको नींद जल्दी और गहरी आती है. दरअसल, कैंडल जलाने के बाद से आपके कमरे में ना तो बहुत तेज रोशनी होती है और ना ही एकदम घुप अंधेरा और यह ऐसी स्थिति मन-मस्तिष्क को शांति देने के लिए भीड़ अच्छी होती है. ऐसी मद्धम रोशनी में हमारे दिमाग के अंदर मेलाटोनिन ( Melatonin) हॉर्मोन का सीक्रेशन होता है. बताते चलें कि मेलाटोनिन हमारी नींद को कंट्रोल करने वाला हॉर्मोन होता है.
रात को सोने से पहले आप जो खुशबूदार कैंडल जला रहे हैं, इसे जलाने से पहले उसके बारे कुछ बातों की पड़ताल कर लें. जैसे, कि क्या यह कैंडल पेराफिन की बनी है. अगर ऐसा है तो आप इसे सोने से पहले ना जलाएं. दरअसल, पेराफिन एक पेट्रोलियम पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल मोमबत्ती बनाने में भी किया जाता है. जब आप ऐसी मोमबत्ती को जलाते हैं तो यह बेंजीन जैसे केमिकल भी रिलीज करती है, जो आपके आस-पास की हवा में इरिटेशन बढ़ाने वाले मॉलेक्यूल्स की वजह बनते हैं.
इसके बाद आप पता करें कि आप जो कैंडल सोने से पहले जला रहे हैं, क्या उसकी बत्ती यानी कि वो धागा जिसे जलाया जाता है, वो लेड की तो नहीं बनी है. क्योंकि ज्यादातर खुशबूदार कैंडल्स की बत्ती (Wick) लेड से ही बनाई जाती है. आपको बता दें कि किसी भी स्थिति में यदि लेड सोते समय सांसों के माध्यम से ज्यादा मात्रा में आपके शरीर में गया तो ये घातक स्थिति का कारण बन सकता है.