दुनियाभर में पीठ दर्द एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 619 मिलियन लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या अब विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक बन गई है। हालांकि अधिकांश मामलों में यह जरूरी नहीं है कि रीढ़ की हड्डी या पीठ में कोई बड़ी शारीरिक गड़बड़ी हो। ये दर्द गिरने या मोच के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के कारण भी हो सकता हैं।
नई दिल्ली: दुनियाभर में पीठ दर्द एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 619 मिलियन लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। हर 13 में से 1 व्यक्ति इससे प्रभावित है और विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह आंकड़ा 2050 तक 843 मिलियन तक पहुंच सकता है। पीठ दर्द न केवल शारीरिक असुविधा का कारण बनता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और दैनिक गतिविधियों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बता दें, यह समस्या अब विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक बन गई है। हालांकि अधिकांश मामलों में यह जरूरी नहीं है कि रीढ़ की हड्डी या पीठ में कोई बड़ी शारीरिक गड़बड़ी हो। ये दर्द गिरने या मोच के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के कारण भी हो सकता हैं। लेकिन ऐसी बीमारियों के चलते पीठ दर्द की संभावना 1% से भी कम है।
पीठ दर्द की समस्या से निपटने के लिए नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है। कम प्रभाव वाली एरोबिक गतिविधियां जैसे पैदल चलना, तैराकी या साइकिल चलाना, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं। इसके साथ ही स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि अधिक वजन पीठ पर दबाव बढ़ा सकता है। इसके साथ ही धूम्रपान से बचें, क्योंकि यह पीठ दर्द के जोखिम को बढ़ाता है।
इसके साथ ही अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे अखरोट, बादाम और अलसी शामिल करें। ये सूजन को कम कर पीठ दर्द में राहत पहुंचा सकते हैं। वहीं लंबे समय तक बैठने वालों को समय-समय पर अपनी पोजिशन बदलनी चाहिए। भारी सामान उठाते समय सही मुद्रा अपनाएं, यानी हमेशा सीधे आगे की ओर देखते हुए उठाएं।
यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और इसे नजर अंदाज आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते उचित देखभाल और जीवनशैली में बदलाव पीठ दर्द की समस्या को कम कर सकता है।
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