गलती से भी ज्यादा पकाकर मत खाएं ये 5 चीजें, तुरंत हो सकता है कैंसर

नई दिल्ली: दुनियाभर में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है और यह बीमारी इलाज के बावजूद कई बार जानलेवा साबित होती है। हालांकि, बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि हमारे खानपान और खासतौर पर रसोई में पकाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थ कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। […]

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गलती से भी ज्यादा पकाकर मत खाएं ये 5 चीजें, तुरंत हो सकता है कैंसर

Yashika Jandwani

  • September 21, 2024 4:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: दुनियाभर में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है और यह बीमारी इलाज के बावजूद कई बार जानलेवा साबित होती है। हालांकि, बहुत से लोग इस बात से अनजान हैं कि हमारे खानपान और खासतौर पर रसोई में पकाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थ कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

बता दें, रीसर्च में पाया गया है कि कुछ खास फूड्स को जरूरत से ज्यादा पकाने से उनमें कैंसर कारक तत्व बनने लगते हैं। आइए जानते हैं ऐसे पांच फूड्स के बारे में, जिन्हें ओवरकुक करने से आपको कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

हॉट डॉग और कॉर्नड बीफ

प्रोसेस्ड मीट जैसे हॉट डॉग, सॉसेज, कॉर्नड बीफ और हैम को जरूरत से ज्यादा पकाने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। रीसर्च के अनुसार, जब मांस को नाइट्राइट के साथ पकाया जाता है, तो इसमें N-नाइट्रोसो नामक कार्सिनोजेनिक पदार्थ बनने की संभावना होती है। इसे प्रिज़र्व करने के लिए स्मोकिंग और साल्टिंग जैसी प्रक्रिया का इस्तेमाल होता है, जो इस खतरे को और बढ़ा देता है। इसलिए फ्रेश मीट का उपयोग और उसे हल्के तापमान पर पकाना बेहतर होता है।

धीमी आंच पर पकाने की सलाह

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, आलू को तेज आंच पर पकाने से उसमें एक्रिलामाइड नामक हानिकारक रसायन बन सकता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए आलू को उबालकर या धीमी आंच पर पकाने की सलाह दी जाती है।

ब्रेड को कैसे पकाएं

व्हाइट ब्रेड को ज्यादा पकाने पर उसमें भी एक्रिलामाइड का निर्माण हो सकता है। इसीलिए इसे हल्का टोस्ट करने की सलाह दी जाती है। जले हुए ब्रेड का सेवन करने से बचें। इसके बजाय, आप व्होल ग्रेन ब्रेड या ब्राउन राइस जैसे स्वस्थ विकल्प चुन सकते हैं।

तेल का दुबारा उपयोग

तलने के बाद बचे हुए तेल का दोबारा उपयोग करना भी कैंसर का कारण बन सकता है, क्योंकि इसमें हानिकारक यौगिक बनने लगते हैं। अगर तेल का उपयोग फिर से करना है, तो उसे छानकर और रेफ्रिजरेट कर ही दोबारा इस्तेमाल करें।

मछली

मछली को ज्यादा तापमान पर पकाने या तलने से इसमें हानिकारक रसायनों का निर्माण होता है। ग्रिलिंग के बजाय, इसे भाप में या धीमी आंच पर पकाने का तरीका अपनाएं।

इन सावधानियों को अपनाकर आप अपने खानपान में कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।

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