नई दिल्ली: भारत में पुराने समय से यह परंपरा रही है कि छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाया जाता है, ताकि उनकी आंखें बड़ी और सुंदर दिखें। हलांकि आज के समय में बाजार से खरीदे जाने वाले केमिकल युक्त काजल छोटे बच्चों की आंखों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। वहीं पहले के […]
नई दिल्ली: भारत में पुराने समय से यह परंपरा रही है कि छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाया जाता है, ताकि उनकी आंखें बड़ी और सुंदर दिखें। हलांकि आज के समय में बाजार से खरीदे जाने वाले केमिकल युक्त काजल छोटे बच्चों की आंखों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। वहीं पहले के दौर में केमिकल फ्री काजल का इस्तेमाल होता था, लेकिन आजकल मिलने वाले काजल में केमिकल्स काफी होते है, जो बच्चों की नाजुक आंखों को नुकसान पहुंचा सकते है।
1. खुजली और जलन: बाजार में उपलब्ध केमिकल युक्त काजल को बच्चों की आंखों में लगाने से उनकी आंखों में खुजली और जलन की समस्या हो सकती है। इससे बच्चों को काफी असुविधा हो सकती है और उनकी आंखें लाल भी हो सकती हैं।
2. आंखों से पानी बहना: छोटे बच्चों की आंखें बेहद संवेदनशील होती हैं। काजल लगाने से आंखों में एलर्जी हो सकती है, जिससे आंखों से पानी बहने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह स्थिति बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।
3. आंखों की रोशनी पर असर: नियमित रूप से काजल लगाने से बच्चों की आंखों की रोशनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है। आंखों में काजल लगाने की आदत उनकी नज़र को कमजोर बना सकती है।
4. इंफेक्शन का खतरा: बच्चों की त्वचा और आंखें बेहद सेंसिटिव होती हैं। उंगली से काजल लगाने से आंखों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा अगर काजल मुंह में चला जाए, तो पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, काजल में करीब 50% लेड होता है, जो आंखों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों की आंखों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उनकी आंखों में काजल लगाने से बचना चाहिए।
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