छत्तीसगढ़: आपने अक्सर लोगों को डीजे की आवाज में नाचते-गाते हुए मस्ती करते हुए देखा होगा, लेकिन अगर यही आवाज किसी के लिए जानलेवा साबित हो जाए तो आप क्या कहेंगे. पिछले कई सालों से डीजे की आवाज से जुड़े मुद्दे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर लगातार विवादित घटनाएं सामने आ रही हैं. […]
छत्तीसगढ़: आपने अक्सर लोगों को डीजे की आवाज में नाचते-गाते हुए मस्ती करते हुए देखा होगा, लेकिन अगर यही आवाज किसी के लिए जानलेवा साबित हो जाए तो आप क्या कहेंगे. पिछले कई सालों से डीजे की आवाज से जुड़े मुद्दे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर लगातार विवादित घटनाएं सामने आ रही हैं. एक बार फिर ऐसी दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है.
दरअसल, ताजा मामला छत्तीसगढ़ का है, जहां डीजे की तेज आवाज के कारण एक शख्स के दिमाग की नसें फट गईं और उसे तुरंत ब्रेन हेमरेज हो गया. हालात को देखते हुए लोगों ने शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और इलाज जारी है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक शोर के संपर्क में रहने से कानों को नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति की सुनने की क्षमता कम होने लगती है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में 12 से 35 वर्ष की आयु के एक अरब से अधिक युवा मनोरंजन के लिए उच्च स्तर की ध्वनि के संपर्क में आते हैं, जिसके कारण उन्हें सुनने में समस्या हो सकती है.
आम तौर पर 65 वर्ष से अधिक उम्र के एक तिहाई लोगों को सुनने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, डीजे 200 से 500 डेसिबल तक की ध्वनि उत्पन्न करता है जबकि मनुष्य केवल 80 डेसिबल ध्वनि ही सहन कर सकता है.
ऐसे में डीजे की तेज आवाज न सिर्फ आपके दिमाग और कानों के लिए बल्कि आपके दिल के लिए भी खतरनाक हो सकती है. खासकर मरीज के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है. यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक अत्यधिक ध्वनि के संपर्क में रहता है, तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.