नई दिल्ली: दिवाली पर जितना उत्साह रंगोली और पटाखों का होता है, लोगों को उतना ही खास लगाव मिठाईयों से भी रहता है। तरह-तरह की ट्रेडिशनल मिठाईयां खाए बिना तो दिवाली मनाई ही नहीं जा सकती है। ऐसे में लोग इस त्योहार पर जमकर मिठाईयों की खरीदारी करते हैं। हलवाईयों की कमाई इस समय कई गुना […]
नई दिल्ली: दिवाली पर जितना उत्साह रंगोली और पटाखों का होता है, लोगों को उतना ही खास लगाव मिठाईयों से भी रहता है। तरह-तरह की ट्रेडिशनल मिठाईयां खाए बिना तो दिवाली मनाई ही नहीं जा सकती है। ऐसे में लोग इस त्योहार पर जमकर मिठाईयों की खरीदारी करते हैं। हलवाईयों की कमाई इस समय कई गुना बढ़ जाती है।
पर क्या आप जानते हैं हलवाई ज्यादा पैसे कमाने के लालच में अक्सर इन मिठाईयों में मिलावट कर देते हैं। इससे व लोग तो अच्छी कमाई कर जाते हैं, पर ग्राहकों की सेहत बिगड़ जाती है। मिठाईयों में की गई मिलावट का खामियाजा ग्राहकों को उठाना पड़ता है। सबसे डरावनी बात तो ये है कि इस दौरान आप केवल हलवाई की मिलावट का शिकार नहीं होते, बल्कि मिठाई बनाने में इस्तेमाल हुए दूध और मावे तक मिलावटी आते हैं। ये मिठाईयां खाने से आपका पेट खराब हो सकता है।
ऐसे में आपको सतर्क रहने की जरूरत है। जब भी कहीं से मिठाई खरीदें तो अच्छी तरह से उसकी शुद्धता जांचें। अब सवाल आता है कि ऊपर से देखने में तो सारी मिठाईयां ताजी और शुद्ध नजर आती हैं, अब कोई इन्हें परखे तो कैसै। तो आपके इस सवाल का जवाब हमारे पास है।
मिठाई की पहचान करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है उसके रंग, दुर्गंध और उस पर लगे सिल्वर वर्क पर ध्यान देना। अगर मिठाई का रंग कुछ बदला सा लग रहा हो और उससे अजीब तरह की दुर्गंध आ रही हो तो समझ जाएं कि वो मिठाई मिलावटी है और अब खराब हो चुकी है।
अक्सर देखने को मिलता है कि हलवाई पैसे बचाने के चक्कर में मिठाईयों पर सिल्वर वर्क के बजाय एल्युमिनियम वर्क का प्रयोग करते हैं। ये एल्युमिनियम वर्क आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है। पर क्योंकि ये बाजार में सस्ता मिलता है तो हलवाई इसका इस्तेमाल कर लेते हैं। अब ऐसे में आपको अगर जानना हो कि आपकी मिठाई पर सिल्वर वर्क है या एल्युमिनियम वर्क, तो आप इसे छूकर देखें। अगर छूने पर आपके हाथ में मिठाई पर किया गया वर्क चिपक जाता है, तो निश्चित ही यह एल्युमिनियम वर्क है।
अब कुछ लोग सोंचते हैं कि बाहर की मिठाई में मिलावट है तो क्यों न घर पर ही मिठाईयां बना लें। इसलिए लोग मार्केट से मावा खरीद लाते हैं। पर अब तो मावे भी मिलावटी आने लगे हैं। ऐसे में जरुरी है कि आप मावे की शुद्धता की जांच करना भी जानें। अगर मावा खरीदते वक्त आपको शक है कि मावा शुद्ध नहीं है तो आप उसे उंगलियों पर मसलकर देखें। अगर यह मावा दानेदार है तो इसमें मिलावट है और अगर एकदम मुलायम है तो यह उसकी शुद्धता की ओर इशारा कर रहा है।
इसके अलावा मेवे और मिठाईयों को गाढ़ा दिखाने के लिए उनमें स्टार्च भी डाल दिया जाता है। आपके खरीदे गए मेवे में स्टार्च है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए आप थोड़ा सा मेवा लेकर पानी में डालकर उसे उबाल लें। फिर ठंड़ा कर इसमें दो बूंद आयोडीन मिला दें। अब अगर ये घोल नीला हो गया, तो इसमें स्टार्च की मिलावट की गई है।
4. दूध की पहचान
अब अगर आप दूध खरीदकर घर पर ही मिठाई बनाने का सोंच रहे हैं, तो भी सतर्क हो जाएं। दूध में भी पानी मिलावट की जाती है, खासकर किसी त्योहार पर। आपके खरीदे हुए दूध में पानी है या नहीं, ये पता करने के लिए आप दूध की कुछ बूंदें किसी सतह पर डालें और सतह को थोड़ा टेढ़ा करे दें। अब अगर दूध धीरे-धीरे ढलान की तरफ जाए और पीछे सफेद लकीर छोड़े, तो इसका मतलब है कि इसमें पानी नहीं मिला है। वहीं यदि दूध की बूंदे तेजी से ढलान की तरफ फिसलें और सफेद लकीर न छोड़ें तो समझ जाएं ये मिलावटी है।
यह भी पढ़ें: Diwali:इस दिवाली रखें सेहत का ध्यान बनाएं ये बेहतरीन मिठाईयां
5. घी की पहचान
मिठाईयां बनाने में इस्तेमाल हो रहे घी की शुद्धता पहचानने के लिए आप एक चम्मच घी लेकर गर्म कर लें। अगर घी तुरंत पिघल कर डार्क ब्राउन रंग की हो गई, तो यह शुद्ध है। वहीं, अगर गर्म करने पर घी पीघलने में ज्यादा समय ले रही और इसका रंग पीला हो रहा, तो यह मिलावटी है। घी की पहचान का एक और आसान नुस्खा है। आप घी को अपनी हथेली पर रख कर देखें, अगर यह तुरंत पिघलने लगे तो समझें यह शुद्ध है। घी नहीं पिघल रही, यानी अशुद्ध हैं।