नई दिल्ली : एक तरफ देशभर में लोग दिवाली का त्यौहार धूमधाम से मना रहे हैं। इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल, देश के जाने-माने फैशन डिजाइनर रोहित बल अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार (01 नवंबर) को 63 साल की उम्र में उनका निधन […]
नई दिल्ली : एक तरफ देशभर में लोग दिवाली का त्यौहार धूमधाम से मना रहे हैं। इसी बीच एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल, देश के जाने-माने फैशन डिजाइनर रोहित बल अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार (01 नवंबर) को 63 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वह दिल से जुड़ी बीमारियों (डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी) से पीड़ित थे। आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि दिल से जुड़ी यह बीमारी क्या है और इसमें दिल कितना कमजोर हो जाता है?
डॉक्टरों के मुताबिक, डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी भी दिल से जुड़ी बीमारी है, जो बेहद खतरनाक है। इस बीमारी में खून पंप करने वाली धमनियों के बाएं वेंट्रिकल का काम गड़बड़ा जाता है। इसका सीधा असर दिल के काम करने के तरीके पर भी पड़ता है। दरअसल, इस बीमारी में दिल में खून का प्रवाह सही नहीं होता, जिसका ब्लड प्रेशर पर भी बुरा असर पड़ता है। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को सीने में तेज दर्द होता है और उन्हें बार-बार बेहोशी की समस्या भी होती है। अगर आसान शब्दों में समझा जाए तो इस बीमारी में दिल काफी कमजोर हो जाता है और वह किसी भी तरह का दबाव सहन नहीं कर पाता है।
आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति पहले से ही डायबिटीज या किडनी की बीमारी से पीड़ित है तो उसके लिए डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। दरअसल, इन बीमारियों के साथ डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी काफी खतरनाक हो जाती है। वहीं, उम्र बढ़ने के साथ इस बीमारी में परेशानियां बढ़ती जाती हैं। ऐसे में दिल ठीक से काम नहीं कर पाता और हार्ट फेलियर या कार्डियक अरेस्ट का खतरा काफी बढ़ जाता है।
जानकारी के मुताबिक, डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी से फेफड़े भी प्रभावित होते हैं। दरअसल, इस बीमारी के कारण फेफड़ों का कार्य भी प्रभावित होता है। इसके कारण फेफड़ों में पानी भरने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही फेफड़े भी डैमेज होने लगते हैं, जिससे मरीजों की हालत काफी खराब हो जाती है।
शराब और धूम्रपान करने वालों को ज्यादा खतरा डॉक्टरों के अनुसार, शराब पीने और धूम्रपान की लत वाले लोगों के लिए यह बीमारी काफी घातक साबित हो सकती है। इसके अलावा जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वे भी इस बीमारी से नहीं बच पाते हैं।
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