नई दिल्लीः अधिकतर चॉकलेट(Diabetes vs Dark Chocolates) दूध से बनाये जाते हैं साथ ही उसमें भरपूर मात्रा में चीनी होती है। चीनी इसलिए मिलाई जाती है ताकि उसमें कोको की कड़वाहट कम हो जाए। जिसके कारण इसमें ज्यादा मात्रा में फैट और कैलोरी होते हैं। जिस वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत […]
नई दिल्लीः अधिकतर चॉकलेट(Diabetes vs Dark Chocolates) दूध से बनाये जाते हैं साथ ही उसमें भरपूर मात्रा में चीनी होती है। चीनी इसलिए मिलाई जाती है ताकि उसमें कोको की कड़वाहट कम हो जाए। जिसके कारण इसमें ज्यादा मात्रा में फैट और कैलोरी होते हैं। जिस वजह से यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदायक हो जाता है।
एक रिसर्च के मुताबिक डार्क चॉकलेट(Diabetes vs Dark Chocolates) ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। क्योंकि इसमें कम मात्रा में चीनी और पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट के रूप में भी काम करते हैं। शरीर को अपने इंसुलिन का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद करता है। लेकिन वे आपके रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और डायबिटीज के मरीजों के लिए मिठाई के विकल्प के रूप में इसकी सिफारिश नहीं की जा सकती है।
हमें हर चीज लिमिट में ही खानी चाहिए वैसे ही डार्क चॉकलेट खाना ही है तो लीमिट खाना चाहिए। अगर आपका डायबिटीज सामान्य सीमा के भीतर है तो थोड़ी मात्रा में चॉकलेट खाने से आपके रक्त शर्करा के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे आप लम्बे समय तक डार्क चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं।
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