कमर दर्द या नाभि खिसकने जैसी परेशानियां अक्सर लोगों का पीछा ही नहीं छोड़तीं. लेकिन मलासन की मुद्रा में बैठने से नाभि खिसक जाने या कमर दर्द के मामले में पूरी तरह आराम मिलता है.
नई दिल्ली. आजकल जिस तरह की जिंदगी हम जी रहे हैं और मशीनों पर निर्भर हो गए हैं. ऐसे में अधिकतर समय स्थिर रहने के कारण हमें हजारों बीमारियां हो रही हैं. इन बीमारियों का इलाज कई बार बड़े खर्च के बाद संभव हो पाता है तो कभी लाइलाज रह जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हम चिकित्सा के क्षेत्र में हमारी प्राचीन पद्धति को पूरी तरह से भूल गए हैं. यहां हम बात कर रहे हैं कमर दर्द या नाप चली जाने जैसी उन परेशानियों की जो कुछ लोगों का पीछा ही नहीं छोड़तीं. बता दें कि इन परेशानियों को ‘मलासन’ से पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है.
ये आसन वो मुद्रा है जिसमें बैठकर एशिया के कुछ क्षेत्रों में मल त्याग की क्रिया की जाती है. इस मुद्रा में अपने दोनों घुटनों को मोड़कर इस तरह जमीन पर बैठा जाता है कि आपके नितम्ब और एड़ियां आपस में मिलें.पूरे दिन कुर्सी पर बैठे रहने या पलंग पर लेटे रहने के कारण हम इस मुद्रा में कभी भी नहीं बैठते, वहीं कुर्सियों का आराम हड्डियों और मांसपेशियों में बीमारियां ही पैदा करता है. बता दें कि इस मुद्रा में बैठने से नाभि खिसक जाने के मामले में भी आराम मिलता है.
अंग्रेजी में मलासन की इस मुद्रा को डीप स्कवाट कहा जाता है. हालांकि विश्व का एक बड़ा हिस्सा इस मुद्रा को हर रोज करता भी है चाहे वह खाना बनाते समय हो, फिर लोगों को खाना परोसते हुए या नित्य क्रिया करते हुए. लेकिन पश्चिमी देशों में इसे न के बराबर किया जाता है क्योंकि वहां इस तरह बैठने को असहज और अपमानजनक माना जाता है. बड़े बड़े योग गुरुओं का मानना है कि पश्चिमी देशों में इस आसन में न बैठने के कारण लोगों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है.
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