नई दिल्ली: भगवान शिव को धतूरा बहुत प्रिय होता है, इसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। धतूरे का प्रयोग भांग बनाने के लिए भी किया जाता है और आयुर्वेद में भी इसका इस्तेमाल कई औषधियां बनाने में किया जाता है। बता दें कि धतूरे का सेवन अस्थमा, मिर्गी, सूजन, बवासीर, प्रेग्नेंसी और कमजोरी […]
नई दिल्ली: भगवान शिव को धतूरा बहुत प्रिय होता है, इसके बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। धतूरे का प्रयोग भांग बनाने के लिए भी किया जाता है और आयुर्वेद में भी इसका इस्तेमाल कई औषधियां बनाने में किया जाता है। बता दें कि धतूरे का सेवन अस्थमा, मिर्गी, सूजन, बवासीर, प्रेग्नेंसी और कमजोरी जैसी तमाम समस्याओं के लिए होता है। चलिए जानतें है कि यह हमारे(Datura) लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
जानकारी दे दें कि जिन महिलाओं के बाल झड़ चुके हैं। उनके लिए धतूरे के बीज बहुत फायदेमंद होते हैं। जी हां धतूरे के तेल निकाल कर गंजेपन वाले हिस्से पर लगाने पर कुछ ही दिनों में(Datura) उस जगह बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
बता दें कि जुएं से छुटकारा पाने का धतूरा(Datura) बहुत अच्छा इलाज है। यदि सिर में जुएं होने पर आधा लीटर सरसों के तेल में 250 ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर और इतनी ही मात्रा में पत्तियों का कल्क बनाकर धीमी आंच पर पका लें और जब केवल तेल बचे तो इसे बोतल में भरकर रख दें फिर इस तेल का इस्तेमाल अपने बालों में सिर धोने से(Datura) कुछ घंटे पूर्व करें। इससे जुएं समाप्त हो जाएंगी।
कभी भी मिर्गी की समस्या होने पर लोग उसको(Datura) शांत करने के लिए जूता सूंघने लगते हैं पर क्या आप जानती हैं कि धतूरे की जड़ को सूंघने से मिर्गी शांत हो जाती है।
अर्थराइटिस
आपको बता दें कि धतूरा अर्थराइटिस(Arthritis) से परेशान महिलाओं के लिए किसी रामबाण की तरह है और दर्द होने पर धतूरे के फल का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लीजिए जब तेल रह जाए, तो फिर इस तेल से मालिश कीजिए जोड़ो और दर्द वाले हिस्से पर अच्छे से मालिश करने के पश्चात धतूरे का पत्ता बांध लीजिए इससे अर्थराइटिस(Datura) की समस्या ठीक हो जाती है।
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