कंडोम का उपयोग आमतौर पर अनवॉनटिड प्रेग्नेंसी और यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए किया जाता है। लेकिन हाल ही में एक नया खुलासा सामने
नई दिल्ली: कंडोम का उपयोग आमतौर पर अनवॉनटिड प्रेग्नेंसी और यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए किया जाता है। लेकिन हाल ही में एक नया खुलासा सामने आया है, जिसने इस सुरक्षा उपाय को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। अमेरिका में एक मुकदमे में दावा किया गया है कि ट्रोजन कंडोम में कैंसरकारी रसायन पाए गए हैं।
PFAS: कैंसर का खतरा अमेरिका में दायर किए गए मुकदमे के अनुसार, ट्रोजन अल्ट्रा थिन कंडोम में PFAS (पॉलिफ्लोरोक्सीलेटेड एथिलीन) नामक रसायन पाया गया है। यह पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और लंबे समय तक शरीर में मौजूद रह सकता है। PFAS को कैंसरकारी माना गया है और यह जन्मजात समस्याओं और कमजोर इम्यूनिटी से जुड़ा हो सकता है।
लैब परीक्षण में खुलासा मैथ्यू गुडमैन द्वारा दायर मुकदमे में कहा गया है कि ट्रोजन कंडोम के लैब परीक्षण में PFAS के अंश पाए गए हैं। जांच में 29 कंडोम के नमूनों में से 14% में PFAS के कण मिले। कंडोम के लुब्रिकेंट में भी इस रसायन की पुष्टि हुई है। अगर यह जानकारी कंडोम के पैकेट पर दी जाती, तो गुडमैन का कहना है कि वह कंडोम नहीं खरीदते या कम कीमत पर खरीदते।
कंपनियों पर कार्रवाई की मांग मुकदमे के याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कंडोम निर्माताओं को PFAS वाले उत्पादों को बाजार से हटाना चाहिए। कंपनियों की जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कंडोम किसी भी स्वास्थ्य जोखिम का कारण नहीं बन रहे हैं
1. एलर्जी: कुछ लोगों को कंडोम के लुब्रिकेंट्स से एलर्जी हो सकती है।
2. फटना: गलत तरीके से उपयोग करने पर कंडोम फट सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ सकता है।
यह मामला कंडोम के उपयोग और स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। कंडोम के उपयोगकर्ताओं को सावधान रहना चाहिए और कंपनियों को अपनी उत्पादन प्रक्रिया की गहन जांच करनी चाहिए।
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