नई दिल्ली: सर्वाइकल कैंसर एक खतरनाक कैंसर है जो महिलाओं को होता है। यह गर्भाशय ग्रीवा में होने वाला कैंसर है। इसको गर्भाशय के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर एचपीवी नामक वायरस के कारण होता है। बता दें कि एचपीवी शरीर में प्रवेश करके गर्भाशय के अंदरूनी हिस्से को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेता है। ये स्तन कैंसर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। हर 8 मिनट में एक महिला इससे मर जाती है। भारत में हर साल करीब 74 हजार महिलाएं इस कैंसर से मर जाती हैं। लेकिन सही समय पर इलाज से बचा जा सकता है, 9 से 14 साल की लड़कियों को एचपीवी का टीका लगवाने से 97% तक बीमारी से बचा जा सकता है।
जानकारी दे दें कि सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती(Cervical Cancer) लक्षण काफी हल्के होते हैं जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन, यह लक्षण इस बीमारी के प्रति सचेत रहने का संकेत देते हैं। इस दौरान महिलाओं को इन लक्षणों को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए और समय रहते डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
बता दें कि सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जांचें होती हैं। इस कैंसर के लक्षण अक्सर शुरुआत में दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए स्क्रीनिंग टेस्ट जरूरी होते हैं। इस दौरान पैप स्मीयर टेस्ट सबसे सामान्य और महत्वपूर्ण टेस्ट है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों का नमूना लिया जाता है और माइक्रोस्कोप से देखा जाता है। वहीं अगर पैप स्मीयर में असामान्य कोशिकाएं मिलती हैं तो एचपीवी टेस्ट या बायोप्सी जैसी अन्य जांचें की जा सकती हैं और बायोप्सी से ऊतकों का नमूना लेकर जांच की जाती है। इन सभी जांचों से इस खतरनाक कैंसर का सही समय पर पता लगाया जा सकता है और इलाज शुरू किया जा सकता है।
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