नई दिल्ली: डॉक्टर जब भी कैंसर पीड़ित लोगों का इलाज करते हैं, तो कई बार ऐसा लगता है कि कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया है। किन कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ समय बाद कैंसर फिर से वापस आ जाता है, जो कि बहुत ही निराशाजनक होता है। वहीं, ऐसे में यह […]
नई दिल्ली: डॉक्टर जब भी कैंसर पीड़ित लोगों का इलाज करते हैं, तो कई बार ऐसा लगता है कि कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया है। किन कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ समय बाद कैंसर फिर से वापस आ जाता है, जो कि बहुत ही निराशाजनक होता है। वहीं, ऐसे में यह सवाल उठता है कि इलाज के बाद भी कैंसर क्यों लौट आता है? बता दें कि कुछ कैंसर की कोशिकाएं इलाज से बच जाती हैं, जिसके बाद धीरे धीरे बढ़ने लगती हैं या फिर कई बारे ऐसा होता है कि शरीर में नए सिरे से कैंसर की (Cancer)कोशिकाएं बन जाती हैं।
अवशिष्ट कोशिकाएं :- अच्छे इलाज के बाद भी, कई बार ऐसा(Cancer) होता है कि कैंसर कोशिकाएं शरीर में बच जाती हैं जो बाद में सक्रिय हो जाती हैं। दरअसल, ये कोशिकाएं इतनी छोटी होती हैं कि उन्हें पहचानना काफी मुश्किल होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली :- बहुत बार शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है, जिससे की बची हुई कैंसर कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं।
लाइफस्टाइल संबंधित :- अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान और अस्वास्थ्यकर आहार जैसी आदतें कैंसर की पुनरावृत्ति को प्रभावित कर सकती हैं।
हार्मोनल परिवर्तन :- बता दें कि कई तरह के कैंसर, जैसे कि स्तन कैंसर, जो कि हार्मोन से प्रभावित होते हैं। वहीं, इन हार्मोनों में परिवर्तन से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
जेनेटिक :- दरअसल, कई व्यक्तियों में जेनेटिक प्रवृत्ति के कारण कैंसर दोबारा होने की संभावना अधिक होती है।
बता दें कि जब भी कोई व्यक्ति कैंसर से ठीक होता है, तो वह उस समय बहुत खुश होता है। क्योंकि कई बार उसको ऐसा लगता है कि कैंसर पूरी तरह गायब हो गया लेकिन वास्तव में कुछ कैंसर कोशिकाएं शरीर में बची रह जाती हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि ठीक होने के बाद भी मरीज लगातार अपना ध्यान रखता रहे। मरीज नियमित तौर पर अपना टेस्ट करवाता रहे, ताकि यदि कहीं कोई समस्या है तो पता चल जाए। इसके साथ ही स्वस्थ खान-पान और जीवनशैली अपनानी चाहिए।
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