आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन अगर हम आयुर्वेद के कुछ सरल नियमों का पालन करें, तो न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा बल्कि हमारी त्वचा भी निखर उठेगी।
नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। लेकिन अगर हम आयुर्वेद के कुछ सरल नियमों का पालन करें, तो न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा बल्कि हमारी त्वचा भी निखर उठेगी। खास बात यह है कि ये नियम केवल 10 मिनट का समय लेंगे और आपको दिनभर ऊर्जावान बनाए रखेंगे। आइए जानते हैं वे 5 महत्वपूर्ण नियम जो आपको सुबह उठते ही अपनाने चाहिए।
सुबह उठकर सबसे पहले तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने की आदत डालें। आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का पानी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और शरीर में बैक्टीरिया को खत्म करता है। इसके अलावा, यह त्वचा को भी निखारता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
रातभर हमारे मुंह में बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाते हैं, जिन्हें हटाना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए तांबे या स्टील के स्क्रैपर से जीभ को साफ करें। इससे न केवल मुंह की दुर्गंध दूर होती है, बल्कि पाचन तंत्र भी मजबूत होता है और भोजन का सही तरीके से स्वाद लेने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद में बताया गया है कि सुबह उठकर ठंडे पानी से आंखें धोने से आंखों की रोशनी तेज होती है और थकान दूर होती है। यह आंखों को ताजगी देने के साथ-साथ डार्क सर्कल्स को भी कम करता है। नियमित रूप से ऐसा करने से आंखों की जलन, लालिमा और सूखापन की समस्या दूर होती है।
आयुर्वेद में ब्रह्ममुहूर्त (सूर्योदय से लगभग 45 मिनट पहले) में उठने की सलाह दी गई है। इस समय उठने से मन शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके बाद 5-10 मिनट के लिए अनुलोम-विलोम और भस्त्रिका प्राणायाम करें। इससे फेफड़े मजबूत होंगे, ऑक्सीजन का संचार बेहतर होगा और मानसिक तनाव दूर होगा।
सुबह उठते ही हल्का व्यायाम या योग करने से शरीर की जकड़न दूर होती है और पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है। इसके अलावा, सूर्य को जल अर्पित करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मानसिक शांति बनी रहती है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है बल्कि शरीर को विटामिन डी भी प्राप्त होता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
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