नई दिल्ली। बीते कई दिनों से दिल्ली और एनसीआर में मक्खन की कमी हो गई है। बता दें, बाज़ारों और यहां तक कि ऑनलाइन शॉपिंग एप्स में भी मक्खन आउट ऑफ स्टॉक जा रहा है। मक्खन एक ऐसी चीज़ है, जिसका ज़्यादातर लोग रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं। खासतौर पर इसे सुबह के नाश्ते में ख़ूब खाया जाता है और छोटे बच्चों द्वारा पसंद किया जाता है। यही वज़ह है कि बाज़ार में इसकी कमी ने सभी को परेशान कर दिया है। मक्खन जो कि दूध से बनाया जाता है, जिसमें 20 प्रतिशत पानी और 80 प्रतिशत दूध होता है।
मक्खन को आमतौर पर हेल्दी नहीं माना जाता, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मक्खन लैक्टोन्स, फैटी एसिड्स, ट्राइग्लिसराइड्स, मिथाइल कीटोन और डायसेटाइल जैसे ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स से भरा हुआ होता है। इसके अलावा मक्खन फैट सोल्यूबल विटामिन्स जैसे ए, ई, डी और के से भी भरपूर होता है, जो की हेल्दी त्वचा को बूस्ट करते हैं और बालों का झड़ना कम करते हैं, जिस से की आपकी स्किन पर फ्लो आता है।
बता दें, मक्खन कोलाइन से बहुत ज़्यादा भरपूर होता है, जो ब्लड सर्क्यूलेशन को बढ़ावा देता है और फैटी लिवर की बीमारी को कम करता है। स्टडी के मुताबिक, मक्खन शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की संख्या को बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारी और स्ट्रोक का ख़तरा कम होता है और ये आपकी सेहत को भी अच्छा रखता है।
मक्खन जो की फैटी एसिड्स से भरा होता है, जो शरीर में फैट्स की मात्रा को बढ़ने नहीं देता है। बता दें, अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, तो इन फैट्स को छोटी आंत अपना लेती है और लिवर में स्टोर हो जाता है, जिसकी वज़ह शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है और वज़न भी कंट्रोल में रहता है। घास चरने वाली गाय के दूध से बने मक्खन में कंजुगतेस लिनोलेइक नाम के फैटी एसिड्स होते हैं, जो कैंसर ट्यूमर की ग्रोथ होने से रोकते हैं और शरीर में फैट्स की मात्रा कम करने में भी मददगार भी साबित होते हैं।
मक्खन, सेलेनियम जैसे खनिज की मदद से टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर करने में मदद करता है जो की हमारे शरीर के लिए काफ़ी फायदेमंद है। मक्खन कॉम्जुलेटेड लिनोलिएक एसिड से भरा होता है, जो कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकता है और उसमें सुधार लाता है। विटामिन के2 फेफड़ों, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर के जोखिम को कम करता है, साथ ही रूमेटाइड अर्थराइटिस को ठीक भी करता है और सेहत के लिए काफ़ी अच्छा भी है।
मक्खन में विटामिन के1 और के2 का अच्छा स्रोत है, जो फ्रेक्चर या फिर किसी गंभीर चोट के बाद हड्डियों की रिकवरी में भी काफ़ी मदद करता है। हड्डियों को मज़बूत बनता है और उन्हें ताकत देता है।
मक्खन में आयोडीन की मात्रा भी अच्छी होती है, जो थायरॉइड के मरीज़ों के लिए लाभदायक साबित होता है और उनका थायरॉइड को नियंत्रण में रखती है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन-ए भी थायरॉइड ग्लैंड को मज़बूती देने का काम करता है और फ़ायद पहुंचता है।
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