नई दिल्ली: इस साल 26 अगस्त यानी सोमवार को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर मंदिरों और घरों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। जन्माष्टमी पर जगह-जगह पर भगवान कृष्ण की भव्य झांकियां सजाई जाएंगी और भक्तजन अपने घरों में भी विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।
जन्माष्टमी के दिन उपवास रखने और विधिपूर्वक पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धालु विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने से भगवान कृष्ण भक्तों के दुख-दर्द दूर कर देते हैं। इस अवसर पर खास पूजा सामग्री की जरूरत होती है, जिसमें भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र, चौकी और लाल या पीला कपड़ा, पूजा की थाली, रुई, दीपक, तेल, अगरबत्ती, कपूर और धूप शामिल हैं।
इसके अलावा पूजा सामग्री में गेंदे का फूल, गुलाब के फूल, केले के पत्ते, तुलसी दल, सुपारी, पान के पत्ते, मिठाई (लड्डू, पेड़ा), फल, मक्खन, दही, मिश्री, पंच मेवा, और पंचामृत (दही, दूध, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) की भी आवश्यकता होती है।
कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। विशेष रूप से, जो व्यक्ति संतान की इच्छा रखते हैं, उन्हें लड्डू गोपाल की उपासना करना चाहिए। इस दिन माखन, दही, दूध, खीर, मिश्री और पंजीरी का भोग लगाने से भी लाभ होता है। जन्माष्टमी का व्रत करने से भक्तों के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और उन्हें यश की प्राप्ति होती हैं।
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