नई दिल्ली: बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम और गले में खराश होना आम समस्याएं हैं, जिन्हें अक्सर लोग हल्के में लेते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में ये लक्षण गले के कैंसर का संकेत भी हो सकते हैं। समय पर पहचान और उपचार से गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
गले के कैंसर के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हो सकते हैं, लेकिन उनकी अवधि और गंभीरता पर ध्यान देना आवश्यक है। यदि गले में खराश या आवाज की कर्कशता दो सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। खाना या पानी निगलते समय दर्द या असुविधा महसूस होना। गर्दन में किसी गांठ का महसूस होना, जो समय के साथ बढ़ती जाए। विशेषकर एकतरफा कान में लगातार दर्द रहना। बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना। सांस लेने में दिक्कत या घरघराहट महसूस होना। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक बना रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीना गले के कैंसर के प्रमुख जोखिम कारक हैं। ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण भी गले के कैंसर से जुड़ा हो सकता है। फल और सब्जियों की कमी वाला आहार भी इस जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके अलावा एक कारण एस्बेस्टस जैसे रसायनों के संपर्क में आना भी हो सकता है। कुछ रसायनों के संपर्क में आने से भी गले के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
धूम्रपान और शराब से परहेज करें। इनका सेवन बंद करके जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्वस्थ आहार अपनाएं जैसे फल, सब्जियाँ और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। समय-समय पर चिकित्सकीय परामर्श और जांच करवाएं, विशेषकर यदि आप जोखिम कारकों के संपर्क में हैं। एचपीवी संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध और वैक्सीनेशन पर ध्यान दें।
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