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राधा रानी की नगरी बरसाना: कृष्ण जन्माष्ठमी से पहले यहां जरुर जाएं

राधा रानी की नगरी बरसाना: कृष्ण जन्माष्ठमी से पहले यहां जरुर जाएं

नई दिल्ली: मथुरा और वृंदावन को श्रीकृष्ण की नगरी के रूप में जाना जाता है, जहां भक्त श्रीकृष्ण के दर्शन करने आते हैं। लेकिन इन दोनों पवित्र स्थलों से कुछ दूरी पर एक ऐसी जगह है, जो स्वयं श्रीकृष्ण के प्रेम की गवाह रही है। यह स्थान है बरसाना, जिसे राधा रानी की नगरी कहा जाता है। बरसाना न केवल राधा रानी के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि यहां श्रीकृष्ण और राधा के दिव्य प्रेम की अमर कथाएँ भी जीवंत होती हैं। मथुरा से लगभग 50 किलोमीटर और वृंदावन से 43 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बरसाना, ब्रज भूमि क्षेत्र का हिस्सा है और यहां राधा रानी के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं।

राधा रानी मंदिर

बरसाना में सबसे प्रमुख स्थल श्रीजी मंदिर है, जिसे राधा रानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस भव्य मंदिर में राधा और कृष्ण के दर्शन करने के लिए भक्तों को लगभग 200 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। वहीं इस दौरान मंदिर की दीवारों पर राधा और कृष्ण की खूबसूरत पेंटिंग्स भक्तों का मन मोह लेती हैं।

दान बिहारी मंदिर

इसके अलावा, बरसाना में दान बिहारी मंदिर भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर राधा रानी मंदिर से लगभग 600 मीटर की दूरी पर स्थित है और इसे इस क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने एक जरूरतमंद भक्त की मदद के लिए राधा के वजन के बराबर धन इकट्ठा कर दान किया था, जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना की गई।

कीर्ति मंदिर

बरसाना में कीर्ति मंदिर, जिसे रंगीली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर राधा रानी की मां कीर्ति मैया को समर्पित है। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें राधा रानी की मूर्ति उनकी मां की गोद में बैठी हुई दिखाई गई है।

जुगल किशोर मंदिर

जुगल किशोर मंदिर और प्रेम सरोवर भी बरसाना के प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। कहा जाता है कि प्रेम सरोवर राधा रानी के आंसुओं से बना एक पवित्र तालाब है, जो उनके और कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है।

अगर आप भी बरसाना जाना चाहते है तो बता दे, यहां पहुंचने के लिए मथुरा और वृंदावन से आसानी से बस और टैक्सी ले सकते है। मथुरा से बरसाना की दूरी लगभग 50 किलोमीटर और वृंदावन से 47 किलोमीटर है।

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