नई दिल्ली, महीने का आखिरी सप्ताह की शुरुआत होते-होते कई लोगों की जेब खाली हो जाती है. हाथ में चाहकर भी पैसे नहीं बच पाते हैं, आखिर इसकी क्या वजह है? कुंडली का छठवां भाव मुख्य रूप से धन की बचत से संबंध रखता है और कुंडली का ग्यारहवां भाव आय को नियंत्रित करता है. […]
नई दिल्ली, महीने का आखिरी सप्ताह की शुरुआत होते-होते कई लोगों की जेब खाली हो जाती है. हाथ में चाहकर भी पैसे नहीं बच पाते हैं, आखिर इसकी क्या वजह है? कुंडली का छठवां भाव मुख्य रूप से धन की बचत से संबंध रखता है और कुंडली का ग्यारहवां भाव आय को नियंत्रित करता है. धन का आय-व्यय बुद्ध से नियंत्रित होता है, इसलिए बुद्ध की स्थिति भी यहां महत्वपूर्ण हो जाती है. साथ ही मंगल, शुक्र और बृहस्पति की स्थिति भी देखनी जरूरी है. तभी आप अपनी बचत का आंकलन कर पाएंगे.
जब कुंडली में बुद्ध की स्थिति कमजोर हो तो कभी धन की बचत हो ही नहीं पाती है. इसके अलावा, शुक्र की बहुत ज्यादा प्रधानता होने पर भी आपके पैसे नहीं बचते. छठे भाव के स्वामी का बिगड़ना और वायु तत्व का कमजोर होना भी धन की बचत को प्रभावित करता है और पैसे नहीं बच पाते हैं. वास्तु के जानकार कहते हैं कि घर में सही स्थान पर धन न रखने और गलत रूप से पन्ना या पुखराज पहनने पर भी धन की बचत प्रभावित होती है.
कुंडली में बुद्ध या बृहस्पति मजबूत होने पर धन की बचत होती है. शनि के धन भाव के निकट होने पर भी आपका बैंक-बैलेंस अच्छा रहता है.
धन की बचत के लिए ज्योतिषविद की सलाह लेकर एक पन्ना या पुखराज धारण करें. इससे धन की बचत होने लगेगी, बता दें रसोई घर को साफ-सुथरा रखने पर भी घर में पैसों की कमी नहीं रहती है. हमेशा उत्तर या पूर्व की ओर खुलने वाली आलमारी में धन रखें और पीले कपड़े में हल्दी बांधकर रसोई में रख दें, इसके साथ ही शनिवार को निर्धन को सिक्कों का दान करें. इससे आपकी धन की बचत होने लगेगी.
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