नई दिल्ली: इस वर्ष बैसाख का त्यौहार 14 अप्रैल को मनाया जायेगा। इस त्योहार का अर्थ है वैशाख माह का नया आगमन। यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में अलग- अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे कि पंजाब में इसे बैसाखी, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बैशाख, बंगाल में पोहेला बैसाख, असम में बिहू आदि नामों से जाना जाता है।यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह के पहले दिन मनाया जाता है। इस दिन सिख समुदाय भी अपने पहले परमप्रभु गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म दिवस को मनाते हैं।
बैसाखी का त्योहार सिख समुदाय के लिए बहुत ही अहम होता है, इस दिन को सिख समुदाय का नववर्ष भी माना जाता है। वहीं हिंदी पचांग के हिसाब से इस दिन सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करता है इसलिए इस दिन को मेष संक्रांति भी कहते है जो इसे हिन्दुओं के लिए भी महत्वपूर्ण बना देता है। इस दिन सिख समुदाय के संस्कार और मूल्यों को याद रखा जाता है। इस दिन सिख धर्म के गुरु श्री गोबिंद सिंह जी ने पंज प्यारे का गठन किया था।
ज्योतिषों के अनुसार बैसाख के दिन से गर्मी और बढ़ने लगती है जिसके चलते लोग ऐसी चीजे खाते और दान करते है जो आपके शरीर को शीतलता प्रदान करती है। यही वजह है कि इस दिन उत्तर-प्रदेश व बिहार के साथ-साथ कई क्षेत्रों के लोगों ने चने के सत्तू का उपयोग को परम्परा बना दिया गया है। वहीं ज्योतिषों का मानना है कि मेष संक्रांति या बैसाख के दिन सत्तू खाना या उसका दान करने से आपको भगवान सूर्य की कृपा का लाभ मिल सकता है।
Mahavir Jayanti 2023: भगवान महावीर ने दिए थे ये 5 सिद्धांत, जानिए उनका महत्व
Karnataka: बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम युवक को बेरहमी से पीटा, लड़की से बात करना पड़ा भारी
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित माना जाता है। इस दिन हनुमान जी…
नितिन गडकरी का बाला साहब ठाकरे से जुड़ा एक किस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो…
साल 2024 अपने अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन यह साल भारत के लिए प्राकृतिक आपदाओं…
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी…
अमेरिका के एक ईसाई स्कूल में गोलीबारी की घटना में 5 बच्चो की मौत हो…
पंजाब के अमृतसर स्थित इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन के पास मंगलवार तड़के एक तेज धमाके की…