नई दिल्ली। कोई भी रिलेशनशिप परफेक्ट नहीं होता। हर रिश्ते में लड़ाई, झगड़े और मतभेद(Bad phase in relationship) तो होते ही हैं, यानी की अच्छा और बुरा दोनो तरह का दौर आता है। ऐसे में रिश्ता किसी न किसी मोड़ पर कठिन दौर से गुजरता ही है, जिसका आपको सामना करना पड़ता है। यह चीज़ […]
नई दिल्ली। कोई भी रिलेशनशिप परफेक्ट नहीं होता। हर रिश्ते में लड़ाई, झगड़े और मतभेद(Bad phase in relationship) तो होते ही हैं, यानी की अच्छा और बुरा दोनो तरह का दौर आता है। ऐसे में रिश्ता किसी न किसी मोड़ पर कठिन दौर से गुजरता ही है, जिसका आपको सामना करना पड़ता है। यह चीज़ हर रिलेशनशिप का एक हिस्सा होती है। अगर आप इससे निपटने में सफल हुए तो आपका रिलेशनशिप अच्छे से वर्क करता है। लेकिन कई बार देखा जाता है कि लोग बुरे दौर से डर जाते हैं और उसका सामने करने की जगह, उससे भागने की कोशिश करने लगते हैं।
इतना ही नहीं, आज कल लोग रिश्ते में छोटी सी परेशानी(Bad phase in relationship) आने के बाद सोचते हैं कि रिश्ते को खत्म कर देना ही सही है। यही नहीं वो उस रिश्ते को खत्म भी कर देते हैं जिससे आज कल ब्रेकअप का चलन भी काफी बढ़ गया है। आजकल हम हर चीज आसानी से पाना चाहते है और किसी भी चीज को न तो समय देना चाहते है और न ही उस पर मेहनत करना चाहते है। इस तरह से रिलेशनशिप को खत्म करना आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गलत प्रभाव डालता है। आइए जानते हैं कि रिलेशनशिप में बुरा दौर आने पर क्या करना चाहिए?
अलग से कोई धारणा न बनाएं
सबसे पहले तो यह कभी न मानें कि आपका साथी क्या सोच रहा है, ये आपको पता है। इससे बेहतर ये होगा कि आप अपने संदेहों के बारे में उन्हें साफ-साफ बताएं और उन्हें उस बात की पुष्टि करने या उस पर उनके विचार रखने का मौका दीजिए। इस बारे में पहले से कोई भविष्यवाणी न कर लें कि वह क्या कहेगा या क्या प्रतिक्रिया देगा।
जरुरी है आपस में बातचीत करना
बहुत से लोगों के लिए बातचीत करना बेहद स्वभाविक हो सकता है। रिश्ते में किसी भी समस्या से निपटने का ये सबसे अच्छा तरीका है कि अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात करना। ऐसे में आप एक-दूसरे के साथ सब कुछ शेयर कर सकते हैं और जो चल रहा है उसे बता सकते हैं। ऐसे में जब तक आप और आपका साथी सकारात्मक दिशा में आगे नहीं बढ़ते, तब तक बातचीत करने को प्राथमिकता दें। हो सकता है कि इसमें दिन, सप्ताह या महीने भी लग जाएं। लेकिन अगर आप बात करेंगे तो आप दोनों की भावनाएं एक-दूसरे से जुड़ी रहेगी।
आपसी मतभेद को समझें
याद रखें कि आप और आपका पार्टनर दो अलग-अलग तरह के लोग हैं, इसलिए हो सकता है कि आपके कठिन समय से निपटने के तरीको में मतभेद हो। ऐसे में आपका पार्टनर जिस तरह से कठिन परिस्थितियों से निपटता है, उसका सम्मान करें। ध्यान रखें कि वो आपसे अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि वो गलत है। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि आप रिश्ते में दो अलग-अलग लोग हैं।
जरूरी हो तो किसी से मदद लें
बुरे दौर में अपने आप को उन लोगों और ग्रुप के आसपास रखें जिनके बीच आप सुरक्षित और खुश महसूस करते हैं। आप उनसे मानसिक और भावनात्मक मदद ले सकते हैं। आपको ये बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए की वो आपके बारे में क्या सोचेंगे। इससे आपको कई और नई चीजों के बारे में जानने को मिलेगा और आपका दायरा भी बढ़ेगा।
शांती से धैर्य रखें
जिस वक्त रिश्ता कठिन समय से गुजर रहा हो उस समय शांत रहना और धैर्य रखना काफी अच्छा उपाय हो सकता है। कई बार देखा जाता है कि लोग कठिन समय आने पर पार्टनर से बातचीत करना बंद कर देते है या उनकी आलोचना करना शुरू कर देते हैं। आपको ये सभी चीजें नहीं करनी चाहिए। अगर एक पार्टनर ऐसा कर रहा है को दूसरे को चाहिए की समझदारी के साथ धैर्य से काम लें।