नई दिल्ली : आपने भी कई बार अरोमा थेरेपी का नाम सुना होगा. दरअसल ये एक तरह का हीलिंग ट्रीटमेंट होता है. इससे आप कई तरह की हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम से राहत पा सकते हैं. इसे एसेंशियल थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको इस एसेंशियल थेरेपी के बारे में ही […]
नई दिल्ली : आपने भी कई बार अरोमा थेरेपी का नाम सुना होगा. दरअसल ये एक तरह का हीलिंग ट्रीटमेंट होता है. इससे आप कई तरह की हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम से राहत पा सकते हैं. इसे एसेंशियल थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको इस एसेंशियल थेरेपी के बारे में ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं.
प्राचीन भारत में अरोमा थेरेपी का इस्तेमाल चिकित्सा पद्धति के रूप में किया जाता था. मन और दिमाग को शांत करने के लिए कई लोग अरोमा थेरेपी करवाते हैं. इस थेरेपी के जरिए आपकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ अच्छी और बेहतर बनती है. तो अगर आप लंबे समय से स्ट्रेस में हैं और मेंटल हेल्थ में सुधार लाना चाहते हैं तो आप भी अरोमा थेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये मेडिसिनल तौर पर की जाती है. सिर्फ इंडिया में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में अरोमा थेरेपी होती है. लिया जाता रहा है.
इस तरीके में डायरेक्ट इनहेलेशन प्रोसेस किया जाता है. इसके लिए मरीज को सीधा एसेंशियल ऑयल सुंघाया जाता है. इस प्रक्रिया में सबसे पहले गर्म पानी में एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदे डालकर इसके जरिए मरीजों के शरीर तक इस ऑयल को पहुंचाया जाता है.
डायरेक्ट इनहेलेशन थेरेपी में इनडायरेक्टली थेरेपी होती है. मरीजों को थेरेपी के इस प्रोसेस में एसेंशियल ऑयल डायरेक्ट नही सुंघाते बल्कि एक कमरे में रूम डिफ्यूजर की मदद से खुशबू पूरे कमरे में भर दी जाती है. इसके बाद मरीज के शरीर में सांसों की मदद से एसेंशियल ऑयल खुद पहुँच जाता है.
एसेंशियल ऑयल से मसाज करना भी अरोमा थेरेपी का एक तरीका है. अरोमा थेरेपी में सुगंधित तेल को मिलाकर पूरे शरीर को मसाज दी जाती है. इसकी मसाज के लिए आप चंदन, जोजोबा या रोजवुड जैसी तेल का इस्तेमाल होता है.
तुलसी एसेंशियल ऑयल
काली मिर्च का तेल
यूकेलिप्टस एसेंशियल ऑयल
कैमोमाइल एसेंशियल ऑयल
लौंग का तेल
जैस्मिन एसेंशियल ऑयल
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल
नींबू का तेल
टी ट्री ऑयल
रोजमेरी एसेंशियल ऑयल
जोजोबा ऑयल
रोजवुड ऑयल
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