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कहीं आपके बच्चे भी तो नहीं हो रहे डिप्रेशन का शिकार, जानिए बचाव के तरीके

नई दिल्ली: आजकल तनाव और मानसिक समस्याएं केवल बड़ों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में डिप्रेशन (अवसाद) एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। माता-पिता और अभिभावकों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि कैसे वे अपने बच्चों को डिप्रेशन से बचा सकते हैं और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।

बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण

1. लगातार उदासी – अगर बच्चा हमेशा उदास दिखता है और किसी चीज़ में रुचि नहीं दिखाता, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।

2. नींद में गड़बड़ी – अगर बच्चा रात में ठीक से नहीं सो रहा है या बहुत ज्यादा सो रहा है, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।

3. भूख में बदलाव – अगर बच्चे की खाने की आदतें अचानक बदल जाती हैं, जैसे बहुत कम खाना या ज्यादा खाना, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।

4. शारीरिक दर्द – कभी-कभी बच्चे शारीरिक दर्द जैसे सिरदर्द, पेट दर्द की शिकायत करते हैं, जबकि इसके पीछे कोई स्पष्ट शारीरिक कारण नहीं होता। यह मानसिक तनाव का परिणाम हो सकता है।

5. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई – अगर बच्चा अपनी पढ़ाई या अन्य गतिविधियों में ध्यान नहीं दे पा रहा है, तो इसे हल्के में न लें।

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बचाव के उपाय

1. खुलकर बात करें – सबसे जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों से खुलकर बात करें। बच्चों को यह महसूस कराएं कि वे अपने मन की बात आपसे साझा कर सकते हैं। उनके साथ समय बिताएं और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनें।

2. शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं – शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना न केवल शरीर के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। बच्चों को खेल-कूद और बाहर के खेलों में शामिल करें। यह उनके तनाव को कम करने में मदद करेगा।

3. स्क्रीन टाइम सीमित करें- अत्यधिक मोबाइल, टीवी, या कंप्यूटर का उपयोग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें और उन्हें प्राकृतिक वातावरण में खेलने के लिए प्रेरित करें।

4. सकारात्मक वातावरण बनाएं- घर का माहौल सकारात्मक और शांतिपूर्ण होना चाहिए। घर में झगड़े या तनावपूर्ण माहौल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए हमेशा घर में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखें।

5. समय पर मदद लें- अगर आपको लगता है कि बच्चे में डिप्रेशन के लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो बिना देर किए पेशेवर मदद लें। मनोवैज्ञानिक और परामर्शदाता बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में बहुत मदद कर सकते हैं।

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Shweta Rajput

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