नई दिल्ली: घने, मुलायम व सिल्की बालों के लिए सिर्फ युवतियां ही नहीं युवक भी तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। कई बार लोग अपने बालों की केयर के लिए महंगे शैम्पू और कंडीशनर खरीद लेते हैं. लेकिन आमतौर पर हम सब महंगी चीजों पर आँखें मूँद करके भरोसा कर लेते हैं और उसके […]
नई दिल्ली: घने, मुलायम व सिल्की बालों के लिए सिर्फ युवतियां ही नहीं युवक भी तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। कई बार लोग अपने बालों की केयर के लिए महंगे शैम्पू और कंडीशनर खरीद लेते हैं. लेकिन आमतौर पर हम सब महंगी चीजों पर आँखें मूँद करके भरोसा कर लेते हैं और उसके साइड इफेक्ट्स के बारे में विचार नहीं करते हैं.
क्या आप जानते हैं कि तमाम हेयर प्रोडक्ट्स जैसे- शैम्पू, कंडीशनर, मास्क, सीरम व ड्राई शैम्पू आदि में जिन कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, वह हमारे लिए कितना जानलेवा साबित हो सकते हैं? नहीं जानते होंगे…. तो हम आपको इनख़बर के इस लाइफस्टाइल के ब्लॉग में हेयर प्रोडक्ट्स में शामिल कुछ कुछ खास किस्म के कैमिकल के बारे में बताने वाले हैं जो कैंसर जैसी भयानक बीमारी को ट्रिगर कर सकते हैं। आइये आपको इनके नाम बताते हैं:
आपके बालों को सिल्की व खूबसूरत बनाने के लिए कुछ शैम्पू बनाने वाली कंपनियां अपने हेयर प्रोडक्ट में Parabens नाम के कैमिकल का इस्तेमाल करती हैं। दरअसल, Parabens नाम का यह केमिकल शैंपू में बैक्टीरिया को ग्रो होने रोकता है और प्रेज़रवेटिव की तरह काम करता है लेकिन Parab
ens महिलाओं के अंदर पाए जाने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन के फंक्शन की नकल करने के लिए जाना जाता है. नतीजतन यह महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढाता है।
हेयर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाने वाला सिलेनियम सल्फाइड ऐसा केमिकल है जिसमें कैंसर पैदा करने वाला कम्पाउंड कार्सिनोजेन पाया जाता है. आपको बता दें, चूहों पर की गई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि सिलेनियम सल्फाइड के चलते ट्यूमर यानी कैंसर से जुड़ी समस्या हो सकते है. ऐसे में अगर आप एंटी-डैंड्रफ शैम्पू खरीदते हैं तो पहले आप उसके ऊपर लिखी गई डिटेल को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद ही शैम्पू खरीदें।
हेयर केयर के तमाम प्रोडक्ट्स जैसे- शैम्पू, कंडीशनर, मास्क, सीरम व ड्राई शैम्पू आदि में क्वाटेरनियम-15 नाम के एक कैमिकल कम्पाउंड का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये एक तरह का अमोनियम सॉल्ट है जिसे कार्सिनोजेनिक के नाम से भी जाना जाता है. हेयर एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह केमिकल आपकी आंखों पर बेहद ख़राब असर डालता है.
साल 2016 में कई सारे देशों में एंटी बैक्टीरियल साबुन में इस्तेमाल किये जाने वाले Triclosan को बैन कर दिया था. दरअसल यह केमिकल साबुन और शैम्पू समेत टूथपेस्ट आदि में किया जाता है. साथ ही तमाम परफ्यूम व डियोड्रेंट आदि में भी Triclosan का इस्तेमाल किया जाता है. इसका काम दुर्गंध दूर करने का होता है लेकिन आपको बता दें, ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाने वाला यह कैमिकल हमारे हार्मोन को डिस्टर्ब करता है. इससे कैंसर का जोखिम बढ़ाता है।
यह बात कौन नहीं जनता कि खुशबू हमें ताजा एहसास देती हैं. स्किन और हेयर केयर के खुशबूदार प्रोडक्ट्स में मीठी-मीठी महक के लिए दर्जनों प्रकार के कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया ऐसे कैमिकल कम्पाउंड हमारे तमाम हार्मोन को डिस्टर्ब करते हैं. बात करें सिंथेटिक फ्रेगरेंस की तो इनके अत्यधिक व रोजाना इस्तेमाल से हमारे रीप्रोडक्टिव सिस्टम डिसटर्ब होते हैं व इंसान कैंसर और अस्थमा जैसी खतरनाक बीमारियों का भी शिकार हो सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और आम जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. इनख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है.)