नई दिल्ली। मोटापा कभी पश्चिमी देशों की समस्या माना जाता था लेकिन हाल के सालों में ये निम्न और मध्यम आय वाले देशों में फैल रहा है। खासकर भारत में ये तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के बाद से मोटापा केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत […]
नई दिल्ली। मोटापा कभी पश्चिमी देशों की समस्या माना जाता था लेकिन हाल के सालों में ये निम्न और मध्यम आय वाले देशों में फैल रहा है। खासकर भारत में ये तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के बाद से मोटापा केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत के लिए भी बड़ी समस्या बनता जा रहा है।
बता दें, बदलती लाइफ स्टाइल के अलावा गलत खान-पान के कारण ना केवल पुरुष या महिला बल्कि युवाओं में भी मोटापे का बढ़ना काफी आम है। खासकर कोरोना महामारी के बाद से कई लोग अपने बढ़ते वजन की समस्या से जूझ रहे हैं। लगातार बढ़ती चर्बी के कारण लोगों में कैंसर के एक प्रकार का खतरा बढ़ जाता है। एक अनुमान के मुताबिक 2016 में 135 मिलियन भारतीय अधिक वजन या मोटापे की समस्या से जूझ रहे थे।
क्या है विशेषज्ञों की राय ?
अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों में शामिल अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन के उपाध्यक्ष सतीश कठुआ ने द संडे गार्डियन से बात करते हुए कहा कि, इस समय कोरोना के बाद व्यायाम में लगातार होती कमी के अलावा जंक फूड को खाने की बढ़ती आदत के कारण अमेरिका, भारत समेत पूरी दुनिया में मोटापे की महामारी फैल गई है। पहले केवल विकसित देशों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही थी अब यह समस्या विकासशील देशों जैसे भारत में भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। एक अनुमान बताया गया है कि भारत में 135 मिलियन से ज्यादा लोग मोटापे से पीड़ित हैं। यह मोटापा क्रोनिक बीमारियों जैसे डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशर, हदय रोग के अलावा अन्य रोगों का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर होता है।
डॉ कठुआ कहते है कि इस समय भारत और अमेरिका दोनों ही विश्व स्तर पर मोटापे की बीमारी से जूझ रहे हैं और मुझे डर है कि अगर हम जल्द ही इस पर ध्यान नहीं देंगे तो यह महामारी बन जाएगी। मोटापे के बढ़ने के मुख्य कारणों में बदलती सुस्त जीवनशैली और सस्ते वासयुक्त खाद्य पदार्थों का आसानी से मिलना मुख्य वजह है। इसके अलावा कोरोना ने भी मोटापे को प्रमुखता से बढ़ाने काम किया है। जिसके चलते ज्यादातार शहरी भारतीय लोग मोटापे से ग्रसित हो रहे हैं।