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कोरोना के बाद अब सुपरबग्स का कहर! बन सकते हैं अगली घातक महामारी, जानें कितना बड़ा है खतरा

कोरोना वायरस के बाद अब दुनिया पर सुपरबग्स का खतरा मंडराने लगा है। लैंसेट की एक स्टडी में बताया गया है कि 2050 तक सुपरबग्स

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Superbug next deadly pandemic
  • September 22, 2024 5:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बाद अब दुनिया पर सुपरबग्स का खतरा मंडराने लगा है। लैंसेट की एक स्टडी में बताया गया है कि 2050 तक सुपरबग्स की वजह से करीब 40 मिलियन (चार करोड़) मौतें हो सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये सुपरबग्स आखिर हैं क्या, ये कितने खतरनाक हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है? आइए जानते हैं…

सुपरबग क्या हैं

सुपरबग्स वो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस होते हैं, जिन पर एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाओं का असर नहीं होता। जब कोई वायरस या बैक्टीरिया दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता (रेजिस्टेंस) बना लेता है, तो उसे सुपरबग कहा जाता है। इसका मतलब है कि सुपरबग से होने वाले इंफेक्शन का इलाज बेहद मुश्किल हो जाता है।

सुपरबग कितने खतरनाक हैं

सुपरबग्स की वजह से दुनिया भर में हर साल लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। CDC (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मुताबिक, सिर्फ अमेरिका में ही हर साल 28 लाख से ज्यादा लोग सुपरबग्स की चपेट में आ जाते हैं, जिनमें से 35,000 से ज्यादा की मौत हो जाती है। अगर इनमें से कोई स्ट्रेन महामारी का रूप लेता है, तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।

WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में बैक्टीरियल एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) की वजह से 1.27 मिलियन मौतें हुई थीं। AMR के चलते कई बीमारियों का इलाज मुश्किल हो जाता है, जिससे सर्जरी, सिजेरियन और कीमोथेरेपी जैसे इलाज रिस्की हो जाते हैं।

सुपरबग्स क्यों बढ़ रहे हैं

सुपरबग्स के बढ़ने की एक बड़ी वजह है एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा और गलत इस्तेमाल। इंसानों और जानवरों में बार-बार एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल, सेल्फ मेडिकेशन और गलत दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन से सुपरबग्स पैदा होते हैं। इसके अलावा, गंदगी में रहने और साफ-सफाई की कमी के कारण भी इन खतरनाक बैक्टीरिया का प्रसार हो सकता है।

सुपरबग्स से क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं

1. इंफेक्शन से बीमारियों का इलाज मुश्किल हो सकता है – जैसे निमोनिया, टीबी और यूटीआई।

2. सर्जरी के बाद इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है – एंटीबायोटिक काम नहीं करेंगे, जिससे गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।

3. कैंसर के मरीजों पर असर – कीमोथेरेपी के बाद इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे सुपरबग्स का खतरा बढ़ जाता है।

4. पुरानी बीमारियों वाले मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं – खासकर डायबिटीज, किडनी या फेफड़ों के मरीजों के लिए।

सुपरबग्स से बचने के लिए जरूरी सावधानियां

1. हाथों को अच्छी तरह से धोएं और साफ-सफाई रखें।

2. खाने में स्वच्छता का ध्यान रखें और गंदगी से दूर रहें।

3. सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन से बचें – कंडोम का सही तरीके से इस्तेमाल करें।

4. बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें ताकि संक्रमण से बच सकें।

5. सभी जरूरी वैक्सीन लगवाएं – लापरवाही न करें।

6. डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं लें – हल्की बीमारियों में एंटीबायोटिक का खुद से इस्तेमाल न करें।

 

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