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आखिर कौन पीता है कड़कनाथ का खून? जानें इसका जवाब

नई दिल्ली: देश में वेज, नॉनवेज और वीगन तीन तरह के लोग हैं। आपने सुना होगा कि नॉनवेज खाने वालों को कड़कनाथ चिकन काफी पसंद होता है। वहीं इन मुर्गों की संख्या कम होने की वजह से इनकी कीमत भी दूसरे मुर्गों से कई गुना ज्यादा होती है। कई बार सोशल मीडिया पर दावा किया जाता है कि कड़कनाथ मुर्गे का खून पीने से ताकत में बढ़ोत्तरी होती है। आइए जानते है कि क्या वाकई लोग कड़कनाथ मुर्गे का खून पीते हैं।

कड़कनाथ

नॉनवेज खाने वालों को कड़कनाथ का चिकन सबसे ज्यादा पसंद होता है। हालांकि कड़कनाथ मुर्गे का चिकन काफी महंगा होता है, इसलिए यह हर जगह उपलब्ध नहीं होता। कड़कनाथ चिकन विटामिन और प्रोटीन का खजाना होता है। हालांकि कड़कनाथ चिकन को लेकर कई दूसरे तरह के दावे भी किए जाते हैं . जिसमें इस मुर्गे का खून पीना भी शामिल है।

क्या खासियत है ?

आपको बता दें कि कड़कनाथ में आयरन की मात्रा अधिक होने की वजह से यह चिकन दूसरी मुर्गे की प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई गुणों से भरपूर होता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जबकि अन्य मुर्गों में 18-20 प्रतिशत ही प्रोटीन होता है। कड़कनाथ में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है।

इम्युनिटी बूस्टर

कड़कनाथ का शरीर काले रंग का होता है, यहां तक ​​कि इसका खून भी काला होता है। ऐसा माना जाता है कि कड़कनाथ मुर्गे को खाने वाले व्यक्ति को एनीमिया नहीं होता। इसमें कोलेस्ट्रॉल भी न के बराबर होता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस मुर्गे का मांस और हड्डियां पूरी तरह से काली होती हैं। यह गर्म पदार्थ होने के कारण जिससे हीमोग्लोबिन की मात्रा भी अधिक पाई जाती है। मांसाहारी भोजन करने वाले कई रोगियों के लिए यह रामबाण औषधि है।

खून कौन पीता है?

कड़कनाथ का रक्त काला होता है। कई बार सोशल मीडिया पर कहा जाता है कि लोग कड़कनाथ का खून भी पीया जाता हैं। जानकारी के अनुसार, कड़कनाथ का खून हर कोई नहीं पी सकता है। कुछ खास प्रजाति के लोग ही इसका सेवन करते हैं। आदिम जनजातियां मस्तिष्क और तंत्रिका रोगों को ठीक करने के लिए कड़कनाथ मुर्गे के खून से बनी दवा पीती हैं।

रंगद्रव्य के कारण काला रंग

आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे का रंग, खून और मांस रंगद्रव्य के कारण काला होता है। इसकी हड्डियों और मांस का रंग भी काला होता है। इसका कारण यह है कि मनुष्य के बालों में पाया जाने वाला रंगद्रव्य कड़कनाथ मुर्गे में भी पाया जाता है।

 

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Manisha Shukla

पत्रकार हूं, खबरों को सरल भाषा में लिखने की समझ हैं। हर विषय को जानने के लिए उत्सुक हूं।

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