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एक सफाईकर्मी की बेटी 15 साल की उम्र में बनीं सबसे युवा पीएचडी स्टूडेंट

लखनऊ. यूपी के लखनऊ में एक सफाईकर्मी की बेटी देश की सबसे युवा पीएचडी स्टूडेंट बन गई है. इनका नाम सुषमा वर्मा है जो 15 साल की उम्र में लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबडेकर यूनिवर्सिटी(बीबीएयू) से पीएचडी कर रही हैं.    डेली मेल की खबर के अनुसार सुषमा ने सात साल की उम्र में दसवीं […]

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  • October 8, 2015 6:35 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
लखनऊ. यूपी के लखनऊ में एक सफाईकर्मी की बेटी देश की सबसे युवा पीएचडी स्टूडेंट बन गई है. इनका नाम सुषमा वर्मा है जो 15 साल की उम्र में लखनऊ के बाबासाहेब भीमराव अंबडेकर यूनिवर्सिटी(बीबीएयू) से पीएचडी कर रही हैं. 
 
डेली मेल की खबर के अनुसार सुषमा ने सात साल की उम्र में दसवीं पास किया था. उसी साल 2007 में उन्हें लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने 10 वीं पास करने वाली सबसे छोटे उम्र की स्टूडेंट लिस्ट में शामिल किया था.
 
10वीं पास करने के बाद 10 साल की उम्र में सुषमा ने यूपी कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट पास किया था. तब उम्र और यूनिवर्सिटी नियम के अनुसार उन्हें दाखिला नहीं मिला. इस पर सुषमा ने कहा था कि वह नहीं मानती कि उम्र से टैलेंट और काम करने की इच्छा को जज करना चाहिए. 13 साल की उम्र में सुषमा ने अपना कॉलेज पूरा किया और लखनऊ यूनिवर्सिटी से माइक्रोबॉयलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की.
 
सुषमा इस समय जिस यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही है, उनके पिता तेज बहादुर इसी कॉलेज में सफाईकर्मी हैं. यहीं से सुषमा के बड़े भाई शैलेंद्र ने 14 साल की उम्र में कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट करके सबसे युवा कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट होने का मुकाम हासिल किया था.
 

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