नई दिल्ली. शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि मौत के बाद दान किए हुए मानव शरीर की कागज से भी पतली त्वचा किसी को नई जिंदगी दे सकती है. जी हां. अब ऐसा हो सकता है क्योंकि देश में स्किन बैंक तेजी से बढ़ रहे हैं. इस वक्त देश में मुंबई, पुणे, कोच्चि, […]
नई दिल्ली. शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि मौत के बाद दान किए हुए मानव शरीर की कागज से भी पतली त्वचा किसी को नई जिंदगी दे सकती है. जी हां. अब ऐसा हो सकता है क्योंकि देश में स्किन बैंक तेजी से बढ़ रहे हैं.
इस वक्त देश में मुंबई, पुणे, कोच्चि, बेंगलुरू और हाल ही में छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्किन बैंक की स्थापना की गई है और कई हिस्सों में स्किन बैंक खोलने की तैयारी चल रही है.
भारत में हर साल लाख लोगों के आग, बिजली, रसायनों या फिर विकिरणों की वजह से झुलसने के मामले दर्ज होते हैं, जिसमें 80 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
आमतौर पर 50 फीसदी से अधिक झुलसने के मामले में पीड़ित के इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है जिसका इलाज वह खुद नहीं कर पाते इसलिए दान में दी हुई स्किन से घायलों की झुलसी हुई त्वचा के उपचार में मदद मिलेगी. – एजेंसी इनपुट