जरुरत से ज्यादा धार्मिक था राष्ट्रगान, स्विटजरलैंड ने बदल दिया

बर्न. स्विटजरलैंड में जनता ने ऑनलाइन मतदान के जरिए एक नया राष्ट्रगान चुना है. यह मौजूदा राष्ट्रगान की जगह लेगा जिसके बारे में कहा जाता है कि यह जरूरत से ज्यादा धार्मिक है. ‘द लोकल न्यूज’ ने सोमवार को बताया कि नए राष्ट्रगान की संगीत रचना ज्यूरिख के जोल्लिकरबर्ग के वर्नर विडमर ने की है.राष्ट्रगान […]

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जरुरत से ज्यादा धार्मिक था राष्ट्रगान, स्विटजरलैंड ने बदल दिया

Admin

  • September 15, 2015 6:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
बर्न. स्विटजरलैंड में जनता ने ऑनलाइन मतदान के जरिए एक नया राष्ट्रगान चुना है. यह मौजूदा राष्ट्रगान की जगह लेगा जिसके बारे में कहा जाता है कि यह जरूरत से ज्यादा धार्मिक है. ‘द लोकल न्यूज’ ने सोमवार को बताया कि नए राष्ट्रगान की संगीत रचना ज्यूरिख के जोल्लिकरबर्ग के वर्नर विडमर ने की है.राष्ट्रगान की दौड़ में वर्नर विडमर ने दो अन्य को मात दी.
 
इसके साथ ही राष्ट्रगान चुनने की उस कवायद का खात्मा हो गया जिसकी शुरुआत बीते साल के शुरू में स्विस सोसाइटी फॉर पब्लिक वेलफेयर ने की थी. सोसाइटी ने मौजूदा राष्ट्रगान ‘स्विस साल्म’ को बदलने के लिए ऑनलाइन वोटिंग की शुरुआत की थी. ‘स्विस साल्म’ के शब्दों को कुछ ज्यादा ही धार्मिक माना जाने लगा था.प्रतियोगिता में आए 200 गीत-धुनों में से निर्णायक मंडल ने सात को चुना. इन सभी का अनुवाद देश की सभी चार राष्ट्र भाषाओं में किया गया.
 
इसके बाद इन सात गीतों को जनता के सामने रखा गया जिसने इनमें से तीन धुनों और गीतों को चुना. इन तीन में से विडमर के गीत को राष्ट्रगान बनाने पर सहमति बनी. प्रतियोगिता के नियमों में यह शामिल था कि गीतकार 1999 के जनमत संग्रह में मान्य हुए देश के संविधान से प्रेरणा लेंगे. संविधान के मूल्यों आजादी, लोकतंत्र, एकता, विश्व से जुड़ाव और भावी पीढ़ियों के प्रति जिम्मेदारी का ध्यान रखेंगे. पुराने राष्ट्रगान की धुन 1841 में आत्मसंयम और मौनव्रत को महत्व देने वाले संन्यासी अलबेरिक जाइसिग ने बनाई थी.
 
IANS
 

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