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बुजुर्गों का काम युवाओं से बेहतर होता है: शोध

वाशिंगटन. एकतरफ जहां दुनियाभर की कंपनियां नए विचारों से युक्त युवा कर्मचारियों की भर्ती को प्राथमिकता दे रहीं हैं, वहीं एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग एवं अनुभवी कर्मचारी अपने काम में कहीं बेहतर गुणवत्तापूर्ण परिणाम देते हैं. अध्ययन के मुताबिक, इन बुजुर्ग कर्मचारियों के पास बेहतर प्रतिभा होती है, जिसमें प्रखर […]

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  • April 3, 2015 5:21 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

वाशिंगटन. एकतरफ जहां दुनियाभर की कंपनियां नए विचारों से युक्त युवा कर्मचारियों की भर्ती को प्राथमिकता दे रहीं हैं, वहीं एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग एवं अनुभवी कर्मचारी अपने काम में कहीं बेहतर गुणवत्तापूर्ण परिणाम देते हैं. अध्ययन के मुताबिक, इन बुजुर्ग कर्मचारियों के पास बेहतर प्रतिभा होती है, जिसमें प्रखर मौखिक क्षमता और अनुभव शामिल हैं. अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इतनी विशेषताओं के बावजूद वे अपने समकक्ष युवा कर्मचारियों की तुलना में नवीन समस्याओं के समाधान में सक्षम नहीं होते.

बौद्धिक कौशल व रिजनिंग में पिछड़े

यह अध्ययन ‘एप्लायड साइकोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है. इस अध्ययन के जरिए युवाओं की भर्तियां करने के दौरान नियोक्ताओं को उम्र के भेदभाव से बचने में भी मदद मिल सकती है. इस शोध की प्रमुख अनुसंधानकर्ता एवं अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय में शोधार्थी राचेल क्लीन ने कहा,’हमने अपने शोध में पाया कि बुजुर्ग कर्मचारियों का प्रदर्शन सामान्य बौद्धिक कौशल और संख्यावाचक एवं विवेचनात्मक रिजनिंग परीक्षण में काफी खराब रहा.’इस रपट में बुजुर्ग कर्मचारियों की सामान्य बौद्धिक योग्यताओं को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई अध्ययनों का विस्तार से जिक्र किया गया है. बुजुर्ग कर्मचारियों की सघन संज्ञात्मक क्षमता को मापने के लिए उनका शब्दावली परीक्षण किया गया. अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, 30 साल की उम्र तक सामान्य बौद्धिक योग्यता धीरे-धीरे क्षीण होती है, लेकिन 59 से अधिक की आयु वाले कर्मचारियो में यह अधिक तेजी से घटती है.

IANS

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