स्विगी ने अपनी नौवीं सालाना फूड ट्रेंड रिपोर्ट 'हाउ इंडिया स्विगीड' जारी की है, जिसमें 2024 में भारत में खानपान के नए ट्रेंड्स का खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, इस ने लगातार नौवें साल सबसे ज्यादा ऑर्डर की जाने वाली डिश के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है।
नई दिल्ली: स्विगी ने अपनी नौवीं सालाना फूड ट्रेंड रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया स्विगीड’ जारी की है, जिसमें 2024 में भारत में खानपान के नए ट्रेंड्स का खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बिरयानी ने लगातार नौवें साल सबसे ज्यादा ऑर्डर की जाने वाली डिश के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। स्विगी के डिलीवरी पार्टनर्स ने अरबों किलोमीटर की यात्रा की और लाखों ऑर्डर पूरे किए। रिपोर्ट में कई दिलचस्प जानकारी दी गई है, जैसे कि सबसे ज्यादा खर्च करने वाले ग्राहक और सबसे तेज डिलीवरी के बारे में।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 8.3 करोड़ बिरयानी ऑर्डर की गईं, यानी हर मिनट 158 और हर सेकंड लगभग 2 बिरयानी ऑर्डर हुईं। बिरयानी के बाद डोसा का नंबर रहा, जिसके 2.3 करोड़ ऑर्डर किए गए। बेंगलुरु के एक ग्राहक ने पास्ता पर 49,900 रुपये खर्च किए और उसने लगभग 55 अल्फ्रेडो, 40 मैक एंड चीज और 30 स्पेगेटी प्लेट्स ऑर्डर कीं। डिनर के ऑर्डर, लंच से 29% ज्यादा रहे और कुल 21.5 करोड़ डिनर ऑर्डर किए गए।
स्विगी के फास्ट डिलीवरी सर्विस ‘बोल्ट’ ने भी शानदार प्रदर्शन किया। बीकानेर में एक ग्राहक को सिर्फ 3 मिनट में चोकोचिप्स, स्ट्रॉबेरी और रोस्टेड आलमंड आइसक्रीम डिलीवर की गई। बोल्ट पर सबसे ज्यादा ऑर्डर की जाने वाली मिठाइयों में रसमलाई और सीताफल आइसक्रीम शामिल हैं। शिलांग में नूडल्स ने मोमोज को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा ऑर्डर किए जाने वाले डिश का दर्जा हासिल किया।
स्विगी के डिलीवरी पार्टनर्स ने कुल 1.96 अरब किलोमीटर की यात्रा तय की, जो कश्मीर से कन्याकुमारी तक 5,33,000 बार जाने के बराबर है। मुंबई के कपिल कुमार पांडे ने सबसे ज्यादा 10,703 ऑर्डर डिलीवर किए, जबकि कोयंबटूर की कलीश्वरी एम ने 6,658 ऑर्डर डिलीवर करके महिला पार्टनर्स में पहला स्थान प्राप्त किया।
स्विगी की यह रिपोर्ट भारत में खानपान के बदलते ट्रेंड्स को बखूबी दर्शाती है। जहां बिरयानी की लोकप्रियता बरकरार है, वहीं डोसा, नूडल्स जैसी अन्य डिशेज भी अपनी जगह बना रही हैं। बोल्ट जैसी नई सेवाओं से डिलीवरी और भी तेज हो गई है। यह रिपोर्ट स्विगी के डिलीवरी पार्टनर्स की मेहनत और समर्पण का भी प्रतीक है। स्विगी ने इस रिपोर्ट के माध्यम से यह दिखाया है कि कैसे वह भारत के खानपान की संस्कृति का अहम हिस्सा बन गया है। यह सिर्फ आंकड़ों का संग्रह नहीं है, बल्कि भारत के खानपान की बदलती आदतों की कहानी है।
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