नई दिल्ली.ज करवा चौथ का त्योहार है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना गया है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए कामना करती हैं. करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरी दिन भूखे प्यासे रहकर शाम को चंद्रोदय के बाद ही पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. इस दिन लड़कियां हो या औरतें अपने पार्टनर और पति के लिए दुल्हन की तरह सजती-संवरती हैं. महिलाएं करवा चौथ की शाम रो 16 श्रृंगार करती है. हिंदू परंपरा में 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है. 16 श्रृंगार को सुहाग की निशानी बताया जाता है. भारतीय संस्कृति में 16 श्रृंगार के संकेत देखने को मिलते हैं.
ये होते हैं करवा चौथ 2017 16 श्रृंगार
– मांग टीका: मांग टीके को पति के नाम का लगाया जाने वाले सिंदूर की रक्षा करने के लिए लगया जाता है.
– बिंदिया: बिंदी को ऐसे लगाया जाता है कि मांगटीका का एक छोर इसे स्पर्श करे.
– काजल: काजल काली नजरों से बचाव करता है.
– नथनी: नाक में पहना जाने वाला यह गहना का भी विशेष महत्व होता है.
– सिंदूर: ये वो निशानी है जब पति को संगिनी बनाता है.ii
– मंगलसूत्र: ये भी सुहाग सूचक है, जिसके बिना हर शादी अधूरी है
– कर्णफूल : श्रृंगार नंबर 7 को कर्णफूल या ईयर रिंग कहते हैं.
– मेंहदी : श्रृंगार में नंबर 8 का स्थान ‘मेंहदी’ का है.
– कंगन या चूड़ी: इसके बिना हर श्रृंगार अधूरा है.
– साड़ी यानी कपड़ा अंतिम और 16वां सबसे महत्वपूर्ण श्रृंगार होता है परिधान
– बिछिया : दोनों पांवों की बीच की तीन उंगलियो में बिछिया पहनने का रिवाज है.
– पायल या पाजेब घर की लक्ष्मी के लिए पायल को बेहद शुभ माना जाता है.
– कमरबंद या तगड़ी : अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए कमरबंद स्वास्थ्य कारकों के मायनों में शुभ होता है
– अंगूठी : अंगूठी को निश्चित उंगली में पहनते हैं. इसे सुहाग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
– बाजूबंद : इस श्रृंगार का उल्लेख इतिहास में भी है. कहा जाता है कि मांपेशियों में खिंचाव और हड्डियों में दर्द को नियंत्रित करता है.
– गजरा : गजरा फूलों का बना होता है. जिसे सुगंध के लिए जाना जाता है.