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अरब सागर और सूर्यास्त का शानदार मिलन देखना है तो एक बार इस किले पर जाना तो बनता है

'पद्मदुर्ग फोर्ट' या 'कासा' कहें इसे मराठा के शासन काल में बनवाया गया था. इस किला को मराठों ने अरब सागर में जंजीरा किला के जवाब में बनवाया था. 338 साल पुराना इस किला का निर्माण भारतीय कलाकार ने किया था. यह किला समुद्री पत्थरों, ग्रेनाइट, और लाइम स्टोन से बना है.

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  • September 2, 2017 1:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पुणे:  ‘पद्मदुर्ग फोर्ट’ या ‘कासा’ कहें इसे मराठा के शासन काल में बनवाया गया था. इस किला को मराठों ने अरब सागर में जंजीरा किला के जवाब में बनवाया था. 338 साल पुराना इस किला का निर्माण भारतीय कलाकार ने किया था. यह किला समुद्री पत्थरों, ग्रेनाइट, और लाइम स्टोन से बना है.
 
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ये किला 43, 650 square यार्ड में फैला हुआ है. ये किला एक ठोस आकार में नहीं है. 338 साल पुराना किला होने के बावजूद आज तक इसके दिवारों में एक छेद तक नहीं है. बता दें कि पद्दमदुर्ग, महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिल में स्थित. इस किले का निर्माण 1663 ई में शिवाजी के उत्तराधिकारी और पुत्र सम्भाजी ने सिद्दिकियों के जंजीरा किले के जवाब के रूप में करवाया था.
 
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इसे किला को कमल के आकार में बनाया गया है, जिसके 22 बुर्जों पर तोप रखने की व्यवस्था है, इसकी दीवारों पर पाषाण कलाकृतियां भी बनी हुई हैं. शिवाजी महाराज ने इसे काफ़ी मुश्किलों से निर्मित करवाया था, इसका मुख्य उद्देश्य था, समुंदर मार्ग से होने वाले आक्रमण से गड़ क़िले की रक्षा करना और जंजीरा क़िले पर कब्ज़ा करना.
 
इस जलदुर्ग से एक उद्देश्य सफल रहा परंतु जंजीरा को क़ाबिज़़ करने में सफलता हासिल नहीं हो पाई. इस फोर्ट के अंदर 6 गढ्ढे हैं. इस किला के अंदर 100 तोपें रखने की व्यवस्था है. जिसमें से फिलहाल तो 40 तोप ही बचे हैं. बचे हुए सभी तोपों का मुंह समुद्र के तरफ घूमा कर रखा गया है. 
 
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इस किले के अंदर बीचो बीच एक आंगन भी है. साथ ही कई स्टोर रूम है जिसमें हथियार रखें हुए हैं. इस किला में साफ पानी के कई टंकी रखे गए हैं. ताकि घूमने आए यात्रियों का साफ पानी मुहैया कराया जाए.
 
 
आपको बता दें कि 2004 के इंडोनेशिया से आए सुनामी की वजह से फोर्ट 20 मीटर तक पानी के अंदर धंस गया. लेकिन कई बार रेनोवेट होने के बाद ये किला आज भी अपने मस्त अंदाज में खड़ा है. यहां जब भी आप आएं तो अरब सागर और सू्र्य अस्त का मिलन देखें बिना बिल्कुल न जाएं.
 
 
इस किला में घूमने, पिकनिक मनाने हजारों लोग हर रोजा आते हैं. समुद्र के बीच बना ये किला, जंजीरा किली की तरह बड़ा तो नहीं हैं लेकिन ये अपनी खास तरह की बनावट के लिए जाना जाता है.

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