नई दिल्ली: योग सभी दुखों का अंत होता है. योग साधना से हर तरह की परेशानियां दूर की जा सकती हैं. इतना ही नहीं योग साधना की शक्ति से हम कई तरह की बीमारियों को भी दूर कर सकते हैं.
योग हमारे न सिर्फ हमारे शरीर के लिए बल्कि हमारे मन और बुद्धि के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि योग साधना की शुरुआत और समाप्ति से पहले प्रार्थना करना भी बेहद जरूरी होता है.
जब हम अपने लिए कुछ मांगते हैं तो वो याचना हो जाती है और जब हमारे अंदर सभी के कल्याण की मांग हो तो वो प्रार्थना हो जाती है. प्रभु के द्वार पे बस प्रार्थना ही सुनी जाती है, याचना नहीं.
सभी के कल्याण के लिए वशिष्ठ योग की नित्य प्रार्थना…
योग साधना की शुरुआत में की जाने वाली प्रार्थना
ॐ सर्वेशां स्वस्तिर्भवतु
सर्वेशां शान्तिर्भवतु
सर्वेशां पुर्णंभवतु
सर्वेशां मङ्गलंभवतु
लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
हरि ॐ ! श्री गुरुभ्यो नम: ! हरि ॐ
इसका अर्थ है …
सब का भला हो !
सब को शान्ति मिले !
सभी को पूर्णता हासिल हो !
सब का मंगल हो !
सारे लोक सुखी हों !
योग साधना समाप्ति से पहले की जाने वाली प्रार्थना:
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयंतां
न्यायेन मार्गेमहीं महीशाः ।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं
लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
हरि ॐ ! श्री गुरुभ्यो नम: ! हरि ॐ
इसका अर्थ है…
शक्ति शाली और सत्तातंत्र द्वारा सभी लोगों की भलाई न्यायूपर्वक हो !
ईश्वर सभी विद्वानों और भले लोगों का हर दिन शुभ करें !
सारे लोक सुखी हों !
जहां प्रेम नहीं, वहां प्रार्थना नहीं हैं
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