नई दिल्ली : सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए कहा जाता है कि ‘एन एपल ए डे, कीप्स द डॉक्टर अवे’ लेकिन आप शायद ही आप इस बात से वाकीफ होंगे कि आप अनजाने में जहर खा रहे हैं.
हम आप सभी लाल लाल सेब तो बड़े ही चाव से खाते हैं लेकिन कहीं हम अनजाने में जहर तो नहीं खा रहे हैं. इंडिया न्यूज ऐसे ही बड़े सच से पर्दा उठाने जा रहा है की आखिर कैसे हम सेब के साथ जहर खा रहे हैं और बड़ी-बड़ी बीमारियों को न्योता दे रहे है. इंडिया न्यूज़ ने किया है बड़ा खुलासा.
लाल और बड़े-बड़े सेबों पर मोम की कोटिंग की जा रही है और ये सभी सेब अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ़्रीका, सहित कई बड़े बड़े देशों से आयात होकर भारत आते हैं.
सच तो ये है की इसके पीछे है एक बड़ा भ्रष्टाचारियों का नेट्वर्क है, क्योंकि जो भी सामान इंपोर्ट होकर भारत आता है, उसकी पहले अच्छे से चेकिंग होती है और जब FDA या अन्य विभाग द्वारा इसे क्लियरिंग मिलती है तो ही इसे बाजार में भेजा जाता है लेकिन यहां खुलेआम सेब के नाम पर मौत बेची जा रही है.
पूरे सेब में मोम की कोटिंग इस कदर की गई है अगर आप इसे पानी से भी साफ करेंगे तो भी नहीं ये निकलेगा. आप अगर मोम को सेब से अलग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सेब को पानी में काफी देर तक रखना होगा तब जाकर मोम निकलेगी. इंडिया न्यूज ने इसकी पूरी पड़ताल की है और आपके लिए जहर वाले एप्पल का सच सामने लेकर आएं हैं.
जिन देशों से ये एप्पल भारत में आता है सबसे मजे की बात तो ये है की उन देशों में ऐसे एप्पल बेचने पर मनाही है वहां ताजे फल ही बेचे और खाए जाते हैं लेकिन भारत में ऐसे एप्पल धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
…तो इसलिए की जाती है सेब पर मोम की कोटिंग
सेब को अच्छा दिखना जरूरी है है इसलिए इसपर मोम की कोटिंग की जाती है. मोम की कोटिंग करने से इस एप्पल को एक से डेढ़ महीने तक आराम से रखा जा सकता है. ये एप्पल चमकता हुआ हाई दिखाई देगा लेकिन जैसे ही इस पर से मोम की कोटिंग हटाई गई वैसे ही एप्प का रंग ही बदल जाएगा.
इस मामले में लोगों का कहना है कि हम इस बात से अनजान हैं कि सेब पर मोम की कोटिंग की जाती है. हम अच्छा सेब देखकर खरीदते हैं, इसके बदले काफी कीमत भी चुकाते हैं.
लोगों के साथ हो रहा धोखा
1) सेब पर मोम की कोटिंग करने की सबसे बड़ी वजह उसे अट्रैक्टिव दिखाना है.
2) मोम पर कपड़ा रगडने से बढ़ती है चमक.
3) लोग चमक को देखकर सेब खरीद लेते हैं और मुंहमांगी कीमत भी दे देते हैं.
4) डिब्बे और जाली वगैरह से इतने अच्छे ढंग से सजाते हैं कि लोग इसे खरीदने से खुद को रोक नहीं पाते हैं.
इस जहरीले सेब को खाने से हो सकती है ये बीमारी
इस सेब को खाने से किड्नी और लीवर खराब हो सकता है, वैक्स को आसानी से डाइजेस्ट नहीं किया जा सकता. वैक्स वाले सेब के पेट में जाने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. लगातार वैक्स पेट में जाने से गैस्ट्रिक प्रॉब्लम होने का खतरा बढ़ जाता है.
वैक्स वाले सेब को खाने से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम को क्षति पहुंचती है. ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट अटैक जैसी प्रॉब्लम होने का खतरा भी बढ़ जाता है. डॉक्टर रजनीकांत मिश्रा ने बताया कि आप इससे खुद को कैसे बचा सकते हैं. उन्होंने बताया कि सेब को खरीदने के बाद उसे गर्म पानी में डाल कर रखें, इसके बाद कपड़े से इसे अच्छी तरह से साफ करें इससे वैक्स कोटिंग काफी हद तक साफ हो जाएगी.