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डायबिटीज के लिए रामबाण हैं योग के ये आसन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डायबिटीज को सबसे बड़ा साइलेंट किलर करार दिया है. 2014 के आंकडों के मुताबिक पूरी दुनिया में 42 करोड़ से ज़्यादा व्यक्ति डायबि़टीज़ के शिकार हैं.

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  • May 25, 2017 10:19 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली:  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने डायबिटीज को सबसे बड़ा साइलेंट किलर करार दिया है. 2014 के आंकडों के मुताबिक पूरी दुनिया में 42 करोड़ से ज़्यादा व्यक्ति डायबि़टीज़ के शिकार हैं.
 
अकेले 2012 में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत डायबिटीज़ की वजह से हुई थी. सबसे ज़्यादा चुनौती भारत की है जहां दुनिया की सबसे बड़ी डायबिटीज़ पीड़ित आबादी रहती है. ऐसे में विश्व योग दिवस के मौक़े पे प्रधानमंत्री मोदी का  डायबिटीज़ को लेकर योग मोर्चा खोलने का ऐलान वाज़िब दिख पड़ता है. सवाल उठता है कि क्या सचमुच योग में है डायबिटीज़ से लोहा लेने की शक्ति. आख़िर कैसे करता है योग इस साइलेंर किलर पे वार और क्या-क्या हैं डायबिटीज़ के ख़िलाफ़ योग का रामबाण. आपको बता रहे हैं योग गुरू धीरज वशिष्ठ…
 
इस तरह काम करता है योग..
 
तनाव का डायबिटीज़ कनेक्शन-
हम जब डायबिटीज़ को लेकर बातें करते हैं तो तनाव को लेकर इसके संबंध को दरकिनार कर देते हैं. जब आप तनाव में होते हैं तो आप का शरीर एक ख़ास तरह का हार्मोन रिलीज़ करता है. इस हार्मोन की वजह से आपके ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है ताकि इस एनर्जी का इस्तेमाल शरीर तनाव से लड़ने में कर सके. सामान्य व्यक्ति के लिए ये स्थिति परेशान करने वाली नहीं होती, लेकिन डायबिटीज़ के मरीज़ ब्लड में बढ़े शुगर के लेवल को तुरंत कंड्रोल में नहीं ला पाते. ऐसे में आप समझ सकते हैं कि कैसे आपका तनाव डायबिटीज़ को और बढ़ा सकता है. वहीं हर तरह की रिसर्च से इसबात पे सहमति है कि दुनिया में तनाव को कंट्रोल करने में योग से बेहतरीन तक़नीक अबतक नहीं बनी.  
 
 
आसन के अचूक असर-
योग के आसन सामान्य एक्सरसाइज़ से बिल्कुल अलग असर करने वाले होते हैं. जहां व्यायाम या टहलने में आप शरीर को बस गति देते हैं वहीं आसन में आप को कुछ वक्त ठहरना होता है, जो आपकी शारीरिक मांसपेशियों, हड्डियों और संधियों को काफी चुनौती देता है और शुगर की ख़पत में बढ़ोतरी करता है. लगातार अभ्यास से शरीर इस चुनौती से लड़ने के लिए ज्यादा तैयारी करता है और शुगर की ख़पत बढ़ जाती है। 
प्राण को भी दें आयाम: डायबिटीज़ में बार-बार की थकावट एक सामान्य प्रॉब्लम है. योग के प्राणायाम प्रैक्टिस से हमारे अंग-अंग में आक्सीजन की आपूर्ति होती है जिससे हम थकावट से मुक्त महसूस करते हैं. महज 5 मिनट की प्राणायाम प्रैक्टिस हमारे मूड में सकारात्मक बदलाव लाता है और आप पहले से ज्यादा एनर्जिटिक और रिलैक्स महसूस करते हैं.
 
डायबिटीज़ के ख़िलाफ़ योग संजीवनी-
 
प्राणायाम-
कपालभाति और नाड़ीशोधन प्राणायाम ख़ासतौर पे डायबिटीज़ मरीजों के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं। कपालभाति प्राणायाम शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के साथ पेन्क्रियाज़ को एक्टिव कर इंसुलिन के उत्पादन में मदद पहुंचाता है। इन्सुलिन वो रसायन है जो शुगर का पाचन कर उसे ऊर्जा में परिवर्तित करता है और डायबिटीज़ को मैनेज करता है। वहीं नाड़ीशोधन या अनुलोम-विलोम प्राणायाम तनाव से हमें दूर करता है और आपने जाना कि कैसे तनाव हमारे डायबिटीज़़ को बढ़ा सकता है.
 
 

 
सूर्यनमस्कार-
शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति के लिए सूर्यनमस्कार हमेशा से बहुत उपयोगी बताया जाता रहा है। डायबिटीज़ कंट्रोल में सूर्यनमस्कार बहुत कारगर है। सूर्यनमस्कार से ना सिर्फ अतिरिक्त शुगर की ख़पत होती है, बल्कि यह पेन्क्रियाज़ को भी क्रियाशील बनाता है और पूरे शरीर में रक्त की आपूर्ति को नियमित करता है.
 
आसन-
आसन में सबसे ज्यादा मंडुकासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तान आसन,  सर्वांगासन, हलासन और अर्ध मत्स्येंद्रासन जैसे सभी तरह के टूविस्ट आसन पेन्क्रियाज़ को एक्टिव करने और शरीर की अशुद्धि को निकालने में बहुत असरदार हैं.
 
ध्यान-
ध्यान के जरिए आप तनाव दूर कर ना सिर्फ ब्लड में शुगर के लेवल को बढ़ने से रोकते हैं बल्कि बीमारियों के वजह से बढ़ रहें अवसाद को भी आप रोक पाते हैं.
 

 
यौगिक आहार-विहार-
डायबिटीज़ एक मेटाबोल्जिम से संबंधित हार्मोन असंतुलन की बीमारी है. शरीर-विज्ञान का मानना है कि हमारा दैनिक लाइफ स्टाइल हमारे हार्मोन की प्रक्रिया को प्रभावित करता है. यौगिक लाइफ स्टाइल हमेशा समय से सोने और जल्द सोके उठने में जोर देती रही है. इससे हमारा बॉडी क्लॉक सही रहता है और हार्मोन्स का असंतुलन नहीं होता. वहीं यौगिक डाइट में ज्यादा रेशेदार अनाज, सब्जियों और फलों से युक्त सात्विक भोजन के इस्तेमाल की बात की गई है. 
 
डायबिटीज़ के मरीज हर दो-दो घंटे के अंतराल पे थोड़ा-बहुत खाते रहें, जिससे ब्लड में शुगर का लेवल नियमित रहेगा. योग शास्त्र में माइंडफुल भोजन करने की भी वकालत की गई है, यानी भोजन शांत होके, बिना बातचीत या टीवी वगैरह देखे और चबा-चबाकर करें.
 
योग की सबसे चमत्कारिक बातें ये हैं कि ये सभी यौगिक अभ्यास ना केवल आपको डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करेंगे बल्कि कई तरह के शारीरिक-मानसिक और आध्यात्मिक लाभ से भी मालामाल कर देंगे.
 

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