इन 10 आसन से करें योग की शुरुआत, जानें इसके फायदे

आजकल भागदौड़ की जिंदगी में सेहत को स्वस्थ रखने और तनाव से दूर रहने के लिए योग आसन बड़ी भूमिका निभाते हैं. योग करने से शरीर, मन और दिमाग स्वस्थ होता है. इसलिए थोड़ा सा वक्त निकालकर हर किसी को रोजाना योगा करने की आदत डालनी चाहिए.

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इन 10 आसन से करें योग की शुरुआत, जानें इसके फायदे

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  • May 20, 2017 6:19 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: आजकल भागदौड़ की जिंदगी में सेहत को स्वस्थ रखने और तनाव से दूर रहने के लिए योग आसन बड़ी भूमिका निभाते हैं. योग करने से शरीर, मन और दिमाग स्वस्थ होता है. इसलिए थोड़ा सा वक्त निकालकर हर किसी को रोजाना योगा करने की आदत डालनी चाहिए.
 
अगर आप योग के लिए नए है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. योग की शुरुआत हमेशा धीरे-धीरे और आसान मुद्राओ से ही करें. अपने लचीलेपन, सहनशक्ति और संतुलन को ध्यान में रखते हुए शुरुआत ही आसन चुनें. देखिए योग गुरु धीरज वशिष्ठ के बताए गए 10 योगा आसन.
 
अधो मुखा-
अगर आपके पास सुबह वक्त कम हैं तो आप यह आसन चुन सकती हैं क्योंकि इस योगा को करने से पूरी शरीर काम आता है. इससे बॉडी को एनर्जी मिलती है.
 
त्रिकोणासन-
त्रिकोणासन योग करते समय शरीर का आकार त्रिकोण (Triangle) के समान होने की वजह से इसे त्रिकोणासन या Triangle Pose कहा जाता हैं. मोटापे से परेशान लोगों के लिए यह सबसे सरल और आसन हैं.
 
प्रसारिता पादोत्तासन-
प्रसारिता पादोत्तासन का नाम तीन शब्दों से मिलकर बना हुआ है. प्रसारित, पद, उत्तान. प्रसारित का मतलब होता हैं बढ़ाया या फैलाया हुआ, पद यानि पैर और उतान मतलब खिंचा हुआ. यह आसन चर्बी और तनाव दूर करने का काम करता है.
 
पर्श्वोत्तनासन-
पर्श्वोत्तनासन पार्शवा, उत और तन, ये तीन शब्दों से मिलकर बना है. पार्शवा का मतलब होता है किनारा, उत का मतलब होता है अधिक और तन का अर्थ होता है खिंचाव. यह आसन इंटरनल ऑर्गन का मसाज करने, स्पाइन की लंबाई बढ़ाने और संतुलन बनाने के लिए किया जाता है.
 
व्रक्क्षासना-
वृक्षासन दो शब्द मिलकर बना है ‘वृक्ष’ का अर्थ पेड़ होता है और आसन योग मुद्रा की और दर्शाता है. इस आसन की अंतिम मुद्रा एकदम अटल होती है, जो वृक्ष की आकृति की लगती है, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है. यह आसन पैर को मजबूत बनाने के लिए बहुत फायदेमंद है.
 

 
वीरभद्रासन-
इसे Warrior Pose भी कहा जाता है. यह आसन हाथ, पैर और कमर को मजबूती प्रदान करता है. शरीर में संतुलन बढ़ाता है. इसके साथ ही सहनशीलता भी बढ़ती है.
 
बद्धाकोनासन-
इस मुद्रा से लंबे समय तक खड़े या चलने से आपकी थकान को दूर हो जाती है.  इससे अच्छी नींद भी आती है.
 
 
जानुशीर्षासन-
जानु का अर्थ घुटना होता है, इसलिए इस आसन को जानुशीर्षासन कहते हैं. इस आसन को हमेशा शांत वातावरण में करना चाहिए. इससे पाचन शक्ति सही होती है. साथ ही चिंता और थकान दूर होती है.
 
सेतु बंधासना-
सेतुबंधासन भी योग का ऐसा आसन है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है, यह लीवर को मजबूत बनाता है. इसके अलावा अगर आप रोज-रोज के कमरदर्द से परेशान हैं तो सेतुबंधासन आपके लिए फायदेमंद है.
 
अर्धमत्स्येंद्रासन- 
यह योग के बहुत सारे फायदे हैं यह डायबटीज को रोकने लिए यह आसन फायदेमंद है. इसे डायबिटीज के रोकथाम के लिए रामबाण भी कहा जाता है.
 

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