नई दिल्ली: आजकल लोगों की जिंदगी में मोबाइल फोन का बहुत बड़ा रोल है. इंसान खाना भूल सकता है, मगर मोबाइल नहीं भूल सकता. लोगों को जब भी थोड़ा मौका मिलता है, वो मोबाइल चलाने से नहीं चूकते हैं. बहुत से लोगों को काम की वजह से दिन में मोबाइल चलाने के लिए समय नहीं मिलता, इसलिए जब वे रात को सोने के समय बिस्तर पर जाते हैं, तो मोबाइल चलाने लगते हैं. कुछ लोगों की ये रोज की आदत होती है. इसलिए अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो सावधान हो जाएं.
दरअसल, सोने के समय बिस्तर पर मोबाइल का यूज करते हैं, तो ये आपकी सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है. इससे मानसिक तौर पर काफी प्रभाव पड़ता है. मोबाइल जब तक हाथों में होती है, लोगों को नींद नहीं आती. और शोध में भी ये बात सामने आ चुकी है कि पर्याप्त नींद न मिलने से इंसानों में काफी बीमारियां होने लगती हैं.
कई शोंधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि नींद पूरी न होने से याद्दशात्त कमजोर हो जाती है. हालांकि, इसका असर धीरे-धीरे होता है. शुरुआत सिरदर्द से होता है. आपने भी गौर किया होगा कि ज्यादा देर तक मोबाइल यूज करने से सिरदर्द होने लगता है. इतना ही नहीं, अधूरी नींद से इंसान के काम पर भी असर पड़ता है और इससे क्रियेटिव क्षमता भी खत्म होने लगती है.
हैरान करने वाली बात ये है कि लंबे समय तक अगर इंसान अच्छे से नहीं सो पाता है, तो उसके शरीर में न्यूरोटॉक्सीन की मात्रा बढ़ जाती है. न्यूरोटॉक्सीन के बढ़ने से नींद आने में कठिनाई होने लगती है. इतना ही नहीं, नींद नहीं पूरी होने से मेलाटोनिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो इंसान में अवसाद का कारण बनता है.