पीरियड अथवा माहवारी महिलाओँ के जीवन का एक अहम शारीरिक हिस्सा है. यह एक ऐसी शारीरिक क्रिया है, जिससे हर महिला को महीने में तीन-चार दिन के लिए जूझना ही पड़ता है. यहां जूझना शब्द इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि हमारे समाज में माहवारी को महिलाओं के लिए एक समस्या और अपवित्रता से जोड़ कर […]
पीरियड अथवा माहवारी महिलाओँ के जीवन का एक अहम शारीरिक हिस्सा है. यह एक ऐसी शारीरिक क्रिया है, जिससे हर महिला को महीने में तीन-चार दिन के लिए जूझना ही पड़ता है. यहां जूझना शब्द इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि हमारे समाज में माहवारी को महिलाओं के लिए एक समस्या और अपवित्रता से जोड़ कर देखा जाता है. हालांकि, ये बात भी सही है कि पीरियड्स किसी महिला को एक निश्चित अंतराल पर हो, तो उसे स्वस्थ्य महिला की पहचान मानी जाती है.
समाज में माहवारी को लेकर कई सारी गलत धारणाएँ हैं और जानकारियों की कमी है, जिनके कारण महिलाओं अथवा लड़कियों को बीमारियों से दो-चार होना पड़ता है. माहवारी किसी महिला अथवा लड़की के लिए एक शारीरिक एवं नैसर्गिक घटनाक्रम है. पीरियड को लेकर समाज की सोच इतनी विकृत हो चुकी है कि पीरियड के दौरान महिलाओं को एक अछूत की तरह घर के किसी कोने में रहने को मजबूर किया जाता है. इसे लेकर इतनी हीन भावना है कि घर के लोगों से भी पीरियड को छूपा कर रखा जाता है. मगर इससे कई सारी समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
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पीरियड को लेकर एक सच्चाई यह भी है कि पहली बार जब किसी लड़की को माहवारी होती है, तो वो इसे एक भयंकर बीमारी मान लेती हैं. देश में ऐसी लड़कियों की एक बहुत बड़ी आबादी है, जिन्हें पीरियड के बारे में पता नहीं होता. उन्हें बस इतना पता होता है कि वो हर महीने में तीन-चार दिनों के लिए अपवित्र होंगी और उन्हें कई तरह के ऐहतियात बरतने होंगे.
बहरहाल, पीरियड अथवा माहवारी से महिलाओँ को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए इस दौरान इन बातों का ख्याल जरूर रखें-
खान-पान का रखें ध्यान- ऐसा कहा जाता है कि माहवारी के दौरान खान-पान का काफी ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा से बचना चाहिए और हरी सब्जियों से भी परहेज करना चाहिए. पानी जितना हो सके पीना चाहिए. थोड़ा-थोड़ा भोजन तीनों टाइम करना चाहिए. इससे आपके शरीर में ऊर्जा पैदा होगी.
व्यायाम करने से बचें- पीरियड के दौरान व्यायाम करने से बचना चाहिए. क्योंकि पीरियड के दौरान पेट दर्द की भी समस्या होती है. इसिलए पेट के बल भी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए. पीरियड के दौरान शरीर को जितना आराम देंगी, उतना फायदेमंद होता है.
नशीली चीजों से करें परहेज- नीशीली चीजों का सेवन करना पीरियड के दौरान महिलाओँ के लिए घातक साबित हो सकता है. इससे कई तरह की समस्या पैदा हो जाती है. खून का तेजी से बहना या फिर ट्यूमर जैसी परेशानी हो जाती है.
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दवाईयों का सेवन न करें- इस दौरान शरीर सुस्त हो जाता है और कमजोरी भी होती है. मगर इसस घबरा कर दवा नहीं लेनी चाहिए. पीरियड में दवा से जितना दूरी बनाएंगे, उतना ही फायदेमंद होता है.
अगर आप पीरियड्स के दौरान सावधानियां बरतती हैं, तो किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. माहवारी को लेकर हमारे समाज में अभी भी जागरूकता की कमी है. लोगों को पता ही नहीं होता कि इस दौरान उन्हें क्या करना चाहिए, जिससे किसी तरह की परेशानी न हो. इसलिए इस जानकारी को औरों तक ज़रूर साझा करें.