मोबाइल और टीवी से चिपके रहने वाले बच्चों के लिए खतरे की घंटी, हो सकती है ये खतरनाक बीमारी

ज्यादातर समय मोबाइल, टैब और टीवी से चिपके रहने वाले बच्चों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. अभिभावक अब बि​ल्कुल भी लापरवाही न बरतें.

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मोबाइल और टीवी से चिपके रहने वाले बच्चों के लिए खतरे की घंटी, हो सकती है ये खतरनाक बीमारी

Admin

  • March 29, 2017 3:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : ज्यादातर समय मोबाइल, टैब और टीवी से चिपके रहने वाले बच्चों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. अभिभावक अब बि​ल्कुल भी लापरवाही न बरतें. 
 
आप सोचते हैं कि मोबाइल और टीवी दिखाकर आप अपने बच्चे का मनोरंजन कर रहे हैं और आप बच्चों की जिद्द से दूर कुछ सुकून की सांस ले रहें हैं तो ये लापरवाही बच्चे को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.
 
कम हो सकता है आई क्यू लेवल
अगर आपका बच्चा दिनभर में एक घंटे से ज्यादा समय तक मोबाइल, टैब या ​टीवी देखता है तो ऐसा करना उसके लिए खतरनाक हो सकता है. एम्स के डॉक्टरों ने इस बारे में जरूरी चेतावनी दी है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा करने से ना सिर्फ बच्चा न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का शिकार हो सकता है बल्कि उसका आई क्यू लेवल भी कम होने की आशंका बढ़ सकती है. 
 
दरअसल, जब प्री नर्सरी या 5 साल तक के बच्चे ज्यादातर मोबाइल या टीवी में व्यस्त रहते हैं तो उनके दिमाग के केमिकल्स या हार्मोन्स में काफी बदलाव होता है. डॉक्टरों के मुताबिक इस उम्र के बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे तक आउट डोर एक्सरसाइज या खेलकूद कराने की जरुरत है. 
 
मतलब साफ है कि इस भागदौड़ की जिन्दगी में आपको अपने बच्चे की खुशियों के लिए ना सिर्फ वक्त निकालना पड़ेगा बल्कि उन्हें बाहर खेलकूद या खिलौनो से खेलने के लिए भी प्रोत्साहित करना होगा. 

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