नई दिल्ली: टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसे जागरुक रह कर ही दूर रह सकते हैं. आज वर्ल्ड ट्यूबरकुलोसिस डे के अवसर पर कई लोगों और नेताओं ने ट्वीट किया है. इनमें स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य नेता भी शामिल रहे.
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लोगों से हर साल लाखों लोगों की जान लेने वाली टीबी को जड़ से उखाड़ने के लिए साथ मिलकर काम करने का अनुरोध किया.वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, भारत में टीबी की बीमारी से बहुत सी जाने जाती हैं, इसलिये यह जरुरी है कि हम इसके लक्षणों को भली-भांति समझें.
आम लोगों ने भी सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए टीबी की बीमारी को लेकर जागरुकता बढ़ाने वाले संदेश साझा किए. 2015 में दोगुनी हुई टीबी से मरने वालों की संख्या भारत में साल 2015 में टीबी से मरनेवालों की संख्या 4,80,000 थी, जो साल 2014 में इस रोग से हुई 2,20,000 मौतों से दोगुनी है.
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 27 फीसदी टीबी के मामले भारत में हैं. देश में यह सबसे घातक संक्रामक रोग है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, नए टीबी के मामलों में करीब 2.5 फीसदी मामले सामने आए, जिन्होंने टीबी की दवा के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर ली है और उन पर दवाइयों का कोई असर नहीं हो रहा.
दुनिया में केवल छह देशों- भारत, इंडोनेशिया, चीन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में नए टीबी मामलों में 60 फीसदी पाए जाते हैं, जबकि भारत, चीन और रूसी संघ में दुनिया के टीबी दवाइयों के प्रति प्रतिरोध विकसित कर चुके 45 फीसदी मरीज पाए जाते हैं.