नई दिल्ली : कैंसर एक ऐसी बीमारी हो चुकी है जिसके काफी लोग शिकार हो रहे हैं. जैसे-जैसे ये बीमारी बढ़ रही है ठीक उसी तरह इस पर काबू पाने की भी प्रक्रिया डॉक्टरों ने तेज कर दी है.
अब एक ऐसी टेस्ट तकनीक की खोज की गई है जिसके जरिए कैन्सर के मरीजों का इलाज करना और आसान हो जाएगा. साथ ही जिन मरीजों को डॉक्टर जवाब दे चुके होते हैं उनके लिए तो ये रामबाण का काम करेगा.
पुरानी प्रक्रिया में लगता था ज्यादा समय
मेडजीनोम नाम की कम्पनी ने अपनी शोध के जरिए एक ऐसा काम कर डाला है जिसके माध्यम से कैंसर होने की सम्भावना का पता लगाना और उसकी निगरानी करना काफी आसान हो जाएगा.
अब तक कैन्सर है या नहीं इसका पता लगाने के लिए जिस पुरानी प्रकिया को अपनाया जाता है, वो है ‘बायोप्सी’ यानी जहां भी कैन्सर है उस जगह के टिश्यू को निकालकर टेस्ट किया जाता है. यह काफी खर्चीला भी है और मरीजों के लिए बेहद दर्दनाक होता है.
आठ लाख से ज्यादा मौतों की आशंका
लेकिन, मेडजीनोम कम्पनी ने एक ऐसे टेस्ट ‘ओंकोट्रैक’ को खोज निकाला है जिसमें ब्लड टेस्ट करने से ही कैंसर का पता चल जाएगा. ये टेस्ट काफी किफायती भी रहेगा. एक आंकड़े के मुताबिक साल 2020 तक भारत में कैंसर के 1.73 लाख से अधिक नए मामलों के सामने आने और 8,80,000 से ज्यादा लोगों के मौत होने की आशंका है.
कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मरीज डॉक्टर के पास उस वक्त पहुचते हैं जब यह रोग काफी बढ़ जाता है और ठीक होने की संभावना बहुत कम रह जाती है. इसलिए इस समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से भारत में जिनोमिक्स आधारित अनुसंधान एवं डायग्नोस्टिक की प्रमुख कम्पनी मेडजीनोम ने ‘ओंकोट्रैक’ की घोषणा की है.