नई दिल्ली: दिन भर में 10 बार फल और सब्जियां खाने से आप लंबा जीते हैं. इम्पीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने 20 लाख लोगों पर अध्ययन के बाद ये बात कही है. शोध में पाया गया कि खाने की ऐसी आदत से हर साल 78 लाख लोग असमय होने वाली मौत से बच सकते हैं.
टीम ने उन फलों और सब्जियों की भी पहचान की है जिनसे कैंसर और ह्रदय रोग का खतरा कम होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक एक बार में फल या सब्जी का 80 ग्राम लें. यह एक छोटे केले, एक नाशपाती या, मटर या पालक के तीन भर कर चम्मच के बराबर होता. फल और सब्जी की इतनी मात्रा दिन भर में 10 बार लेनी है.
20 लाख लोगों की खाने की आदतों पर लगभग 95 अलग अलग अध्ययन किए गए. पाया गया कि यदि आप हरी सब्जियां (जैसे कि पालक), पीली सब्जियां (जैसे कि पीली मिर्च) और क्रूसीफेरस वेजिटेबल (जैसे कि फूलगोभी) खाते हैं तो आपको कैंसर होने का कम खतरा होता है. इसी तरह आपको ह्रदय रोग और दिल के दौरे का खतरा कम होगा यदि आप सेव, नाशपाती, खट्टे फल, सलाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, क्रूसीफेरस वेजिटेबल खाते हैं.
शोध के नतीजे इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं. इसमें असमय मौत के खतरे के बारे में भी बताया गया है. जो दिन भर में कोई फल या सब्जी नहीं खाते उनकी तुलना में, इनको एक निश्चित मात्रा में लेने वालों को होने वाले ह्रदय रोग, कैंसर, अकाल मौत के खतरे को आंकने की कोशिश की गई.
पता चला कि फल-सब्जियों का 200 ग्राम खाने से ह्रदय रोग का खतरा 13 फीसदी और 800 ग्राम से 28 फीसदी कम होता है. कैंसर का खतरा 200 ग्राम से 4 फीसदी जबकि 800 ग्राम से 13 फीसदी होता है तो असमय मौत का खतरा फल-सब्जियों का 200 ग्राम से 15 फीसदी जबकि 800 ग्राम खाने से 31 फीसदी कम होता है.
शोध में शामिल डॉक्टर डागफिन ऑन कहते हैं, ‘फल और सब्जियां खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर कम होता है. यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है. साथ ही इनसे रक्त धमनियां सेहतमंद होती हैं.’ उनके मुताबिक, ‘इनमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण ये फायदेमंद होते हैं. जैसे कि इनमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं.
ये डीएनए में होने वाली किसी भी क्षति को कम करते हैं. इससे कैंसर का कम खतरा होता है.’ हालांकि लोग लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर दिन भर में पांच बार (400 ग्राम) खाने का सुझाव भी कम ही मान पाते हैं. लंदन में तो इतनी मात्रा में फल-सब्जियां केवल तीन में से एक व्यक्ति ही खा पाता है.